ग्वालियर। यूक्रेन में फंसे ग्वालियर तीन छात्रों ने वहां के हालात बताए हैं। छात्रों का कहना है कि वो सुरक्षित हैं, लेकिन यूक्रेन के सीमाई इलाकों के हाल खराब हो गए हैं। तो यूक्रेन के अंदरूनी हिस्सों में खाने पीने से लेकर हर सामान के दाम तेज़ी से बढ़ें हैं, लेकिन सभी भारतीय छात्र छात्राओं का कहना है कि उनको भरोसा है, देश के PM मोदी जल्द ही उनको यूक्रेन से निकाल कर लाएंगे।
पीयूष सक्सेना बोला- यूक्रेन में जंग के चलते सबकुछ महंगा
ग्वालियर के रहने वाले पीयूष सक्सेना सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई के लिए यूक्रेन में हैं। पीयूष यूक्रेन की राजधानी कीव से 60 किमी दूर सूमी शहर में हैं। पीयूष ने बताया कि सरकार हम लोगों को जल्द यूक्रेन निकाले। सूमी शहर में सारे बाज़ार, बसें, टैक्सियां सब कुछ बंद हैं। सुमी शहर में खाने पीने से लेकर अभी सामान के दाम तेज़ी से बढ़ रहे हैं। ज्यादातर छात्रों के पास रुपए भी खत्म होते जा रहे हैं, लेकिन इस शहर में अभी शांति है
शांतनु ने कहा- 25 फरवरी का टिकट था, लेकिन जंग के चलते फ्लाइट रद्द हो गई
ग्वालियर के ही रहने वाले शांतनु यूक्रेन के लवीव शहर की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई कर रहा है। शांतनु ने बताया कि इस शहर में भारत के 100 के करीब छात्र-छात्राएं MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। शांतनु को 25 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी से दिल्ली उड़ान भरने के लिए टिकट कराया था। लेकिन हमले के चलते सारी फ्लाइट बंद होने से वो फंस गया है।
पुखराज बोले- हंगरी के रास्ते भारत पहुंचने का भरोसा
ग्वालियर के पुखराज सिंह यूक्रेन की इवानो सिटी में नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। पुखराज ने बताया कि रूसी हमले में इवनो सिटी का एयरपोर्ट ध्वस्त हो गया है, लेकिन वह इस इलाके से 600 किलोमीटर दूर महफूज है। पुखराज ने बताया कि वो और उनके साथी मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारी और भारतीय एंबेसी के संपर्क में हैं। एंबेसी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि हंगरी के रास्ते जल्द ही भारत भेजने की तैयारी की जा रही है, उनके अलावा शहर की शीतल गुप्ता भी यूक्रेन में ही मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।