मैहर: प्रशासनिक चूक का मामला सामने आया है, जिसमें राज्य की प्रभारी मंत्री राधा सिंह को भूखे पेट रात बितानी पड़ी। मैहर गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद, जब राधा सिंह सर्किट हाउस पहुंचीं, तो वहां उनके लिए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी। इससे मंत्री को पूरी रात बिना भोजन के सोना पड़ा। इस घटना को लेकर मंत्री ने अपनी पीड़ा जाहिर की और कहा कि वह रात भर जागती रहीं और करवटें बदलती रहीं।
मैहर जिला का गठन हुए एक साल हुआ है, और इस मौके पर गौरव दिवस का भव्य आयोजन किया गया था। इस समारोह में राज्य मंत्री राधा सिंह विशेष रूप से शामिल हुईं। कार्यक्रम समाप्ति के बाद जब वे सर्किट हाउस में ठहरीं, तो उनके भोजन की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री ने इस घटना का जिक्र किया और अपनी नाराजगी जाहिर की।
मंत्री की प्रतिक्रिया
मंत्री ने कहा, “जब मैं यहां आई, तो कोई व्यवस्था नहीं थी। मैं प्रभारी मंत्री हूं, और यह मेरी बेइज्जती है। हालांकि, उन्होंने इसे किसी शादी-विवाह में होने वाली छोटी चूक से तुलना करते हुए टालने की कोशिश की।” उन्होंने अधिकारियों की व्यस्तता और गलती को माफ करते हुए इसे “कोई बात नहीं” कहकर अपनी नाराजगी को दबाने का प्रयास किया।
एसडीएम से बातचीत
रात को ही मंत्री ने एसडीएम से भोजन की व्यवस्था के बारे में पूछा, जिस पर एसडीएम ने बताया कि उन्होंने भोजन की व्यवस्था करने का आदेश दिया था, लेकिन रात के अधिक हो जाने के कारण भोजन उपलब्ध नहीं हो सका। इस पर मंत्री ने दोबारा वही शब्द कहे, “कोई बात नहीं।”
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
यह घटना राज्य सरकार के कार्यक्रमों में प्रशासनिक चूकों और व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। प्रभारी मंत्री के साथ हुई इस घटना से न केवल उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, बल्कि यह प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का भी उदाहरण है।
प्रभारी मंत्री राधा सिंह के साथ हुई इस घटना ने मैहर जिले के प्रशासनिक इंतजामों पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे आयोजनों में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे विशेष अतिथियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय पर सुनिश्चित करें।