ग्वालियर। जूडा की हड़ताल समाप्त होने के बाद अब जयारोग्य अस्पताल की व्यवस्थाएं भी पटरी पर आ गई हैं। माधव डिस्पेंसरी में सुबह नौ बजे ओपीडी शुरू हो गई, दोपहर दो बजे तक 1317 मरीजों को परामर्श मिला तो 123 नए मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए। इसके साथ ही जांच व आपरेशन भी हुए।
सामान्य दिनों की तरह ही अब अस्पताल की व्यवस्थाएं बनने लगी हैं। वार्ड में भी डाक्टरों की उपलब्धता बढ़ी तो मरीजों का इलाज भी ठीक से चलने लगा है। ओपीडी में मंगलवार को सभी कक्षों में डाक्टर बैठे तो नाक, कान, गला, मेडिसिन, गायनिक, बाल रोग, दंत रोग, अस्थि रोग से संबंधित मरीजों को इलाज मिल सका। गौर किया जाए तो पिछले एक सप्ताह से जूनियर डाक्टर हड़ताल पर होने के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई थीं। इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था
माधव डिस्पेंसरी में मेडिसिन का कमरा नंबर 44 पिछले तीन दिन बाद मंगलवार को खुला। मरीजों की भीड़ जमा थी। डाक्टर मरीजों की नब्ज टटोल कर इलाज दे रहे थे। पिछले दो दिन से इलाज लेने के लिए भटक रहे बहोड़ापुर निवासी सुरेश शर्मा को भी डाक्टर का परामर्श मिल गया तो वह राहत महसूस करने लगे।
कमरा नंबर-22ः नाक, कान, गले के लिए डाक्टर कमरा नंबर 22 में बैठते हैं। जूनियर डाक्टरों ने मरीजों को इलाज दिया। ओपीडी में दोपहर दो बजे तक डाक्टर उपलब्ध रहे और मरीजों को परामर्श दिया।
इन विभागों में भी सीनियर डाक्टर के साथ जूनियर डाक्टर उपस्थित दिखे, जो वहां पर पहुंचने वाले मरीजों को परामर्श दे रहे थे। ओपीडी काफी वक्त बाद व्यवस्थित चलती हुई दिखाई दी और मरीजों की भीड़ भी काफी रही।
अल्ट्रासाउंड की जांच केवल इमरजेंसी में ही की जा रही थीं। मंगलवार को जांच कराने पहुंचे सभी मरीजों के अल्ट्रासाउंड किए गए। किसी भी मरीज को नहीं लौटना पड़ा। एक्स-रे विभाग में करीब 172 लोगों के एक्स-रे हुए तो 28 लोगों का सीटी स्कैन और 50 लोगों की यूएसजी की गई, जबकि 24 लोगों के मेजर व माइनर आपरेशन भी हुए।
जूडा की हड़ताल के चलते कुछ समय के लिए परेशानी खड़ी हुई थी। अब फिर से व्यवस्थाएं बन चुकी हैं और ओपीडी भी संचालित की गई, जाचं आदि भी मरीजों की हुई। अब किसी तरह की कोई समस्या नहीं रही।
Recent Comments