MP पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया ये बड़ा निर्णय

भोपाल। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया 14 दिसंबर की जगह 18 दिसंबर को होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को आरक्षण का कार्यक्रम स्थगित कर दिया। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा 2019 के परिसीमन और आरक्षण को निरस्त किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह सुनवाई सोमवार को प्रस्तावित थी, लेकिन नहीं हो पाई।

 

जिला पंचायत अध्यक्ष के पद के आरक्षण के संबंध में पंचायत राज संचालनालय ने कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए थे। इसमें कहा गया कि 14 दिसंबर को अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और सभी वर्गों में महिलाओं के लिए आरक्षण की प्रक्रिया भोपाल में लॉटरी निकाल कर होगा। अब इसकी तारीख 18 दिसंबर कर दी है।

 

बता दें कि शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार का एक और फैसला पलट दिया है। पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार ने ऐसी पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया था, जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं। ऐसी सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी। जो पद, जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, वही रहेगा। इसके लिए सरकार ने मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश-2021 लागू कर दिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी की गई थी।

 

पंचायत चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। पंचायत अधिनियम में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। इसमें बताया गया है कि यह संशोधन संविधान की धारा 243 से कवर्ड नहीं है। इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। यह याचिका कांग्रेस नेता सैयद जाफर व जया ठाकुर ने लगाई है।

 

 

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