17.8 C
Bhopal
Monday, November 18, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल फोन को लेकर लिए ये बड़ा फैसला

Must read

भोपाल। सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता मनोज बिनीवाले के मुताबिक जिनके पास लैपटाॅप, डेस्कटॉप की सुविधा नहीं है, वह मोबाइल से भी सुनवाई में शरीक हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता मनोज बिनीवाले के मुताबिक जिनके पास लैपटाॅप, डेस्कटॉप की सुविधा नहीं है, वह मोबाइल से भी सुनवाई में शरीक हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में अब वकील किसी भी मामले की पैरवी मोबाइल फोन से भी कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी छूट दे दी है। हालांकि, शीर्ष कोर्ट ने इसके लिए यह शर्त रखी है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वकील का चेहरा मोबाइल से पैरवी करते वक्त साफ दिखना चाहिए।

 

 

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने इंदौर में अपने सदस्यों को इस फैसले की जानकारी पत्र के माध्यम से दी है। पत्र में कहा गया है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सहित चार सीनियर मोस्ट जजेस के साथ वकीलों की वर्चुअल मीटिंग हुई। इसमें CJI ने मोबाइल से पैरवी करने की छूट दे दी है। CJI ने यह छूट दी है, बशर्ते मोबाइल ठीक स्थान पर रखा हो, चेहरा साफ दिख रहा हो, आवश्यकता होने पर ही माइक चालू रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता मनोज बिनीवाले के मुताबिक, जिनके पास लैपटाॅप, डेस्कटॉप की सुविधा नहीं है, वे वकील मोबाइल से भी सुनवाई में शरीक हो सकते हैं।

 

 

एसोसिएशन की ओर से जजेस को बताया कि वकीलों को कई बार बोलने का अवसर नहीं मिलता है। उनका माइक म्यूट कर दिया जाता है। इसका असर प्रकरणों पर होता है। अधिवक्ता प्रवीण के. रावल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मोबाइल से सुनवाई की अनुमति मिलने के बाद निचली अदालतों में भी यह सुविधा शुरू की जा सकती है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही CJI ने मोबाइल से पैरवी पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, ‘मोबाइल पर वकील न तो दिखाई देते हैं और न बात स्पष्ट सुनाई पड़ती है।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!