सागर: सागर के बंडा तहसील में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति को केवल 2 रुपए सालाना आय का सर्टिफिकेट जारी किया गया। यह सर्टिफिकेट बलराम चढ़ार नाम के एक व्यक्ति के लिए जारी हुआ, जिसने आवेदन में अपनी आय 40,000 रुपए बताई थी, लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान गलती से यह राशि 2 रुपए दर्ज कर दी गई।
यह मामला बंडा तहसील के ग्राम घोघरा का है, जहां बलराम चढ़ार ने लोकसेवा केंद्र के माध्यम से अपनी आय का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया था। बलराम ने अपने आवेदन में अपनी आमदनी 40 हजार रुपये बताई थी, लेकिन गलती से लोकसेवा केंद्र के संचालक ने इसे मात्र 2 रुपये दर्ज कर दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि न तो लोकसेवा केंद्र ने इस त्रुटि पर ध्यान दिया और न ही तहसीलदार ने इस पर कोई सवाल उठाया। तहसीलदार ने बिना किसी जांच-पड़ताल के इस प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।
इस प्रमाण पत्र के जारी होने के लगभग 10 महीने बाद जब यह मामला सामने आया, तो स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। यह घटना सरकारी कार्यालयों में कामकाज की गुणवत्ता और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाती है। क्या किसी भी अधिकारी ने क्रॉस चेक करने की आवश्यकता महसूस नहीं की? क्या यह केवल एक गलती है या इससे भी बड़ा मुद्दा है?
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
- तहसीलदार का बयान: बंडा तहसीलदार महेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला उनकी पदस्थापना से पहले का है और वे आय प्रमाण पत्र की जांच करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सर्टिफिकेट में गलती है, तो इसे ठीक कराया जाएगा।
- तहसील कार्यालय में लापरवाही: तहसील के बाबू से लेकर तहसीलदार तक ने इस गलत जानकारी को नोटिस नहीं किया, जो गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करता है।
यह मामला सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है। सही जानकारी का प्रमाणित होना बेहद आवश्यक है, ताकि ऐसी स्थितियों से बचा जा सके।