तहसीलदार बोलीं अपने 6 साल के बेटे से मिलने नहीं जा पा रही, कलेक्टर पर लगाए आरोप

भिंड: भिंड जिले की मौ तहसील में पदस्थ तहसीलदार माला शर्मा ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और एसडीएम पराग जैन पर मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। माला शर्मा का दावा है कि उनके बीमार 6 साल के बेटे के बावजूद उन्हें मुख्यालय छोड़ने की इजाजत नहीं दी जा रही है। साथ ही, उन्हें कार्यालय के कामों के लिए अनुमति मांगने पर कई बार सवालों का सामना करना पड़ता है और उनके अनुरोधों का कोई जवाब नहीं दिया जाता।

हालांकि, माला शर्मा खुद भी कई विवादों में घिरी हुई हैं। उन पर जमीन खरीद-फरोख्त और जब्त सरसों को खुर्द-बुर्द करने के आरोप लगे हैं, जिन्हें उन्होंने निराधार बताया है। उनका कहना है कि कलेक्टर और एसडीएम षड्यंत्र रचकर उन्हें अपमानित कर रहे हैं, और उनके खिलाफ गलत जानकारी फैलाई जा रही है। शर्मा ने यह भी दावा किया कि उन्हें कई बार घंटों इंतजार कराया जाता है और उनके अधिकारों को छीना जा रहा है।

महिला आयोग को शिकायत

माला शर्मा ने 18 सितंबर 2024 को राज्य महिला आयोग को एक पत्र लिखकर कलेक्टर और एसडीएम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि उन्हें चार महीने में 10 से अधिक नोटिस दिए गए हैं, और उन पर बिना प्रमाण के जमीन खरीदने का आरोप लगाया जा रहा है। शर्मा ने अपने पति का आधार कार्ड भी अधिकारियों को सौंपा है, यह कहते हुए कि जिस जमीन की बात की जा रही है, वह किसी अन्य व्यक्ति की है, जिसका नाम उनके पति से मिलता-जुलता है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि माला शर्मा पर कई गड़बड़ियों के आरोप हैं। उनका कहना है कि तहसीलदार माला शर्मा ने लोगों से पैसे लिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। राजस्व भू-अभिलेख के अधिकार भी उनसे छीनकर देहगांव सर्कल के नायब तहसीलदार उदय सिंह जाटव को सौंप दिए गए हैं।

एसडीएम पराग जैन पर भी माला शर्मा ने जबरन दबाव डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एसडीएम और कलेक्टर ने मिलकर उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट से उन्हें स्टे मिला है।

कलेक्टर के आरोप

कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मुताबिक, माला शर्मा पर एक कॉलोनाइजर को निजी भूमि पर रास्ता दिलवाने का आरोप है। जब जमीन मालिक अशोक जैन ने इसका विरोध किया, तो माला शर्मा ने उक्त जमीन को सरकारी घोषित कर दिया। इसके अलावा, एक और मामला सरकारी पट्टे की जमीन का है, जिसमें आरोप है कि शर्मा ने बुजुर्ग महिला के नाम पर जमीन करवाकर अपने पति को लाभ पहुंचाया। इस संदर्भ में माला शर्मा के पति का आधार कार्ड संदिग्ध पाया गया है, और उनसे ओरिजिनल आधार कार्ड मांगा गया है, जो अब तक जमा नहीं किया गया है।

माला शर्मा और अधिकारियों के बीच का यह मामला अब जांच के दायरे में है। एक तरफ माला शर्मा मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगा रही हैं, तो दूसरी ओर उनके खिलाफ गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं। यह मामला जल्द ही सुलझने की उम्मीद है, क्योंकि महिला आयोग और अन्य संबंधित विभाग इस पर कार्रवाई कर रहे हैं

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