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थैलेसीमिया के बढ़ते मरीज, 73 बच्चे खतरे में,अस्पताल में सुविधाओं की कमी

राजगढ। बना मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में कई बच्चे थैलेसीमिया से जूझ रहे है. यहां 73 ऐसे बच्चे हैं, जो अपने जीवन को ए रखने के लिए नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन पर निर्भर हैं. जिले में थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके पीछे की वजह क्या है? शादी से पहले अगर जांच कराने की लोगों में जागरुकता आ जाए तो इस जेनेटीक बीमारी से बचा जा सकता है. लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से धरातल पर जागरूकता कार्यक्रम देखने को नहीं मिल रहे है.

जिला चिकित्सालय में नई बिल्डिंग तो बन गई है और कई सुविधाएं भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की बात करें, तो यहां 73 ऐसे बच्चे हैं जिन्हें हर 10-15 दिनों में खून की जरूरत होती है. हालांकि, जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से मुफ्त में खून उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन यहां कुछ जरूरी सुविधाओं की कमी है. इसी वजह से कई बच्चों को ब्लड चढ़वाने के लिए जिले से बाहर जाना भी पड़ता है.

अस्पताल में कमी
जिला अस्पताल में ल्यूकोफिल्टर बैग और पीआरबीसी (Packed Red Blood Cells) नहीं होने के कारण मरीजों को अतिरिक्त समस्याओं का सामना करना पड़ता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ल्यूकोफिल्टर बैग का इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. इससे संक्रमण और प्रतिरोधी प्रतिक्रियाओं का खतरा कम हो जाता है. लेकिन इस सुविधा के अभाव में मरीजों को दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है. अगर जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू हो जाए, तो थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए खून चढ़ाना और ज्यादा सुविधाजनक और सुरक्षित हो जाएगा.

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