ग्वालियर। ग्वालियर शहर के बस स्टैंड के नजदीक रोडवेज की जमीन पर पिछले तीन दशक से काबिज दुकानदारों को उनकी दुकानों से बेदखल कर दिया गया ।भारी संख्या में नगर निगम और पुलिस बल के साथ पहुंचे जिला प्रशासन के अमले ने करीब 2 घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान एक दर्जन दुकानों को जेसीबी मशीनों की मदद से तोड़ दिया। यहां अधिकांश दुकानें खाने-पीने की सामग्री पीसीओ और स्टेशनरी की थीं। इन दुकानदारों को तीन दशक पहले रोडवेज ने लीज पर दिया था।
प्रशासन का कहना है कि दुकानदारों की लीज खत्म हो चुकी है। पिछले दिनों नोटिस के बाद दुकानदार हाई कोर्ट गए थे और वहां से स्थगनादेश लाए थे लेकिन प्रशासन का कहना है कि स्टे की अवधि निकल चुकी है। एक दुकानदार के पास 28 अगस्त तक का स्टे है। जब दुकानदारों ने रोडवेज की जमीन पर बनी इन दुकानों को खाली नहीं किया तो प्रशासन ने बलपूर्वक उन्हें तोड़ दिया। विरोध कर रहे दुकानदारों को पकड़ कर पुलिस वाहन से कहीं भेज दिया गया। मौके पर विरोध करने पहुंचे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने नहीं बख्शा।
उन्हें भी गिरफ्तार करके डीआरपी लाइन ले जाया गया। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि जिला प्रशासन यहां बड़े लोगों को रोडवेज की जमीन को कौड़ियों के भाव बेचने की तैयारी कर चुका है। पहले ही भी जिला प्रशासन ने डीबी मॉल के लिए रोडवेज की आधी जमीन को लीज पर दे दिया है। इसी तरह बाकी बची जमीन को भी प्रभावशाली लोग अपने कब्जे में करना चाहते हैं और गरीबों को उजाड़ना चाहते हैं ।आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस की महापौर शोभा सिकरवार ने दावा किया था कि किसी भी गरीब के आशियाने को नहीं उजाडा़ जाएगा। लेकिन अब उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ देखा जा रहा है। सोमवार को शपथ ग्रहण के बाद मंगलवार को इस तरह की कार्यवाही से प्रशासन ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं ।