भोपाल। सीधी जिले के कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी पर संजय टाइगर रिजर्व में निजी वाहन से प्रवेश करने और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगाए गए थे। इस मामले को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कलेक्टर सोमवंशी नियमित रूप से अपने दोस्तों के साथ निजी गाड़ी में टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में प्रवेश करते हैं। यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के नियमों का उल्लंघन माना जाता है।
वन विभाग की जांच…
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, वन विभाग ने मझौली के उप संभागीय अधिकारी (SDO) नरेंद्र रवि को जांच अधिकारी नियुक्त किया। जांच के दौरान बड़का डोल गेट पर एंट्री रजिस्टर का गहन निरीक्षण किया गया, साथ ही टाइगर रिजर्व के स्टाफ और अन्य संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ की गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कलेक्टर सोमवंशी ने किसी भी प्रकार से नियमों का उल्लंघन नहीं किया है।
1. कोई निजी वाहन प्रवेश नहीं –
संजय टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में किसी भी निजी वाहन की अनुमति नहीं दी गई थी। गेट पर मौजूद रिकॉर्ड और स्टाफ की गवाही से यह साबित हुआ कि कलेक्टर निजी वाहन से टाइगर रिजर्व के अंदर नहीं गए थे।
2. कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ –
आरोपों में कहा गया था कि कलेक्टर ने स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार किया, लेकिन कर्मचारियों की गवाही और जांच में यह दावा झूठा साबित हुआ।
3. आरोप निराधार पाए गए –
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं था।