ग्वालियर। कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों को ब्लैक में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत आवेदन को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। न्यायालय ने कोरोना संक्रमण के दौरान जीवन रक्षक दवाओं के साथ कालाबाजारी करने को गंभीर अपराध माना है, ऐसे में आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती है।
दरअसल कोरोना संक्रमित मरीज बहोड़ापुर स्थित सक्सेना अस्पताल में भर्ती थे। उनको रेमडेसीविर इंजेक्शन की आवश्यकता थी। इस दौरान सह अभियुक्त छोटू परिहार उन्हें मिला और उसने बताया कि वह एमआर है और 12 हजार रुपए में इंजेक्शन की उपलब्धता करवा देगा। छोटू ने 24 हज़ार में 2 इंजेक्शन बहोड़ापुर चौराहे पर देने की बात कही थी। उसने आवेदक मनीष ने इसके एवज में 4 हजार रुपए एडवांस भी लिए थे। इसके बाद मनीष ने बहोड़ापुर पुलिस में शिकायत की और चौराहे पर जैसे ही छोटू ने मनीष को इंजेक्शन दीए, वैसे ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में छोटू के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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