रतलाम। आज के दौर में शादी ब्याह में महंगे वेडिंग कार्ड से लेकर महंगे डेकोरेशन और तरह-तरह के पकवानों के भोज पर लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। लेकिन रतलाम में एक विवाह ऐसा भी सामने आया जिसमें नव दंपत्ति ने बिना किसी धूम-धड़ाके और फिजूलखर्ची के बेहद सादगी पूर्ण तरीके से सात फेरे लिए हैं। शादी में फिजूलखर्ची रोकने का संदेश देने के लिए लखन पगारिया और श्रुति जैन ने सीमित संख्या में परिजनों की मौजूदगी में शादी की है। शादी में होने वाले लाखों रुपए के खर्च को बचाकर दोनों ने गरीब बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया है। वहीं, वृद्धाश्रम ,अनाथालय और जरूरतमंद गरीबों को भोजन करवा कर इस जोड़े ने अपनी शादी की खुशियां बांटी है
दरअसल दाहोद की श्रुति जैन रतलाम के लखन पगारिया का यह सादगी पूर्ण विवाह शुक्रवार को दाहोद में संपन्न हुआ है। दोनों की शादी 12 मई को तय हुई थी जिसके बाद दूल्हे लखन पगारिया जैन ने अपनी होने वाली पत्नी श्रुति और दोनों परिवारों को सादगी पूर्ण तरीके से विवाह करने की इच्छा जताई। इस पर दोनों परिवार सहर्ष तैयार हो गए और शादी के फिजूलखर्ची के बचे हुए रुपयों से जरूरतमंदों को भोजन करवाने और गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का संकल्प दोनों परिवारों ने लिया है।
दोनों दंपत्ति ने अपनी शादी को कोरोना काल में शहीद हुए कोरोना योद्धाओं और रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए मासूम नागरिकों को समर्पित की है। सादगी पूर्ण तरीके से शादी संपन्न होने के बाद नव दंपत्ति रतलाम लौट चुके हैं और वृद्ध आश्रम,अनाथालय और गौशालाओं में जाकर अपनी शादी की खुशियां बांट रहे हैं।