ग्वालियर। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जिला पुलिस एवं एसटीएफ द्वारा जब्त किए गए जीवन रक्षक रेमेडेसीवीर इंजेक्शन के उचित रखरखाव में की गई लापरवाही को लेकर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी की शिकायत के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जाँच के आदेश दिए हैं।
दरअसल पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन से सिवनी जिले के एक शख्स को गिरफ्तार था। एसटीएफ ने उसके पास से पांच रेमडेसीवीर इंजेक्शन जब्त किए थे। जब्ती की कार्रवाई के बाद पुलिसकर्मियों ने इंजेक्शन को एक डिब्बे में सील कर सामान्य तापमान पर माल खाने में जमा कर रख दिया था। जिसके चलते उक्त इंजेक्शन जो,कि इंजेक्शन निर्माता कंपनी द्वारा निर्धारित 2 से 8 डिग्री तापमान नही मिलने के की वजह से खराब हो गए। आरटीआई कार्यकर्ता को इसकी जानकारी मीडिया खबरों से प्राप्त हुई। जिसके बाद तर्क देते हुए जिला कलेक्टर को शिकायती आवेदन दिया गया था।
आशीष चतुर्वेदी का ने जो शिकायत की थी उसके मुताबिक रेमेडेसीवीर इंजेक्शन अतिआवश्यक जीवन रक्षक दावा के रूप में शामिल किया गया है। यदि पुलिस उक्त इंजेक्शनों को निर्माता कंपनी द्वारा निर्धारित तापमान एवं उचित स्थान पर रखा गया होता अथवा तत्काल प्रभाव से इंजेक्शन की गुणवत्ता की जांच डीआरडीओ के माध्यम से एवं इंजेक्शन पर अंकित बैच नम्बर के माध्यम से करा ली जाती तो उक्त इंजेक्शनों को खराब किये बिना किसी ज़रूरत मंद की मदद की जा सकती थी। लेकिन पुलिस ने बिना कोई साबधानी बरते इंजेक्शनों को खराब कर दिया।