नई दिल्ली, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर अपना इस्तीफा उन्हें सौंप दिया। अब शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल की बैठक में वर्तमान विधायकों में से ही किसी को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। दिल्ली से लेकर देहरादून तक दिन भर चली मुलाकातों और बैठकों के दौर के बाद रावत ने रात करीब साढ़े गयारह बजे अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ राज्यपाल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा।
इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री रावत ने संवाददाताओं को बताया कि उनके इस्तीफा देने का मुख्य कारण संवैधानिक संकट था, जिसमें निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव कराना मुश्किल था । उन्होंने कहा, ‘‘संवैधानिक संकट की परिस्थितियों को देखते हुए मैंने अपना इस्तीफा देना उचित समझा।’’ रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने उन्हें उच्च पदों पर सेवा करने का मौका दिया।
यही कानूनी बाध्यता मुख्यमंत्री के विधानसभा पहुंचने में सबसे बड़ी अड़चन के रूप में सामने आई। क्योंकि विधानसभा चुनाव में एक साल से कम का समय बचा है। वैसे भी कोविड महामारी के कारण भी फिलहाल चुनाव की परिस्थितियां नहीं बन पायीं। यह पूछे जाने पर कि संवैधानिक संकट से बचने के लिए प्रदेश में अप्रैल में हुआ सल्ट उपचुनाव उन्होंने क्यों नही लड़ा, मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय वह कोविड से पीड़ित थे और इसलिए उन्हें इसके लिए समय नहीं मिला।
मुख्यमंत्री रावत के साथ मौजूद प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग ने कहा कि उपचुनाव नहीं करा पाएंगे। इसलिए हम लोगों ने उचित समझा कि संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न न हो।’’ उन्होंने कहा कि नए नेता का चयन करने के लिए शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।शनिवार को अपराह्न तीन बजे बुलाई गई इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं प्रदेश अध्यक्ष कौशिक करेंगे जबकि केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और भाजपा महासचिव व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि पार्टी की ओर से सभी विधायकों को शनिवार की बैठक में उपस्थित रहने की सूचना दे दी गयी है।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें उसी दिन लगने लगी थीं जब रावत को केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था और सभी निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़कर वह बुधवार को दिल्ली पहुंचे। अपने तीन दिन के दिल्ली दौरे पर उन्होंने बृहस्पतिवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मंत्रणा की थी। शुक्रवार को उन्होंने चौबीस घंटे के भीतर दूसरी बार नड्डा से मुलाकात की।देहरादून लौटने के बाद मुख्यमंत्री रावत राज्य सचिवालय पहुंचे और वहां संवाददाताओं से मुखातिब हुए लेकिन उन्होंने अपने इस्तीफे के संबंध में कोई बात न करते हुए नई घोषणाएं कर सबको हैरानी में डाल दिया। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वह इस संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं।