ग्वालियर। अभी मानसून आने के बाद ठीक तरह से बारिश शुरू भी नहीं हुई है, कि सावन शुरू होते ही पहले सोमवार शाम को महज एक घंटे हुई तेज बारिश ने करोड़ों रुपए खर्च कर स्मार्ट सिटी बनने जा रहे शहर की सफाई व्यवस्था एवं सीवेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। शहर के ऐसे कई चौराहे व इलाके जलमग्न हो गए थे। जहां से लोगों का पैदल निकलना तो दूर….वाहनों तक का निकलना मुश्किल हो गया था। विपक्ष ने आरोप लगाया है, कि हर साल शहर में बरसात से पहले करोड़ों रुपए पानी निकासी और नालों की साफ सफाई पर खर्च किए जाते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद नगर निगम शहर में जलभराव को नहीं रोक पाता है।
एक घंटे की बारिश ने निगम की दावो की खोली पोल…
सोमवार शाम हुई बारिश से शहर की सड़कों पर कहीं नदियां बही तो कई प्रमुख चौराहों को तालाबों में तब्दील कर दिया था। करीब 1 घंटे की तेज बारिश ने कई इलाकों में जलभराव से शहर को ठप्प करके रख दिया था। कहीं-कहीं तो हालात इतने बदतर थे, कि शहर के मुख्य मार्ग पर 3 से 5 फीट तक पानी भर गया था। नगर निगम के द्वारा हर साल बारिश से पहले करोड़ों रुपए खर्च कर नालों की साफ सफाई करवाने का दावा करता है। हर साल जलभराव की स्थिति देखने को मिलती हैं।
सड़कों से गुजरने वाले राहगीर हुए परेशान…
अचानक हुई तेज बारिश से शहर में हुए जलभराव से लोग भी काफी आक्रोशित हैं। उनका साफ तौर पर कहना है, कि नगर निगम ….नरक निगम की तरह काम कर रहा है। क्योंकि थोड़ी देर की तेज बारिश में सड़कों पर भारी मात्रा में पानी भर जाता है। ऐसे में जलभराव के कारण अगर कोई दुर्घटना हो गई तो उसकी जवाबदारी कौन लेगा। शहर में अव्यवस्थित तरीके से स्मार्ट सिटी और निगम कार्यों को करवा रहा है। इसलिए यह स्थिति बनी है।
कांग्रेस विधायक ने साफ सफाई पर उठाए सवाल…
निगम के इन दावों की विपक्ष के नेता हवा निकालते हुए नजर आ रहे हैं। निगम की कार्यशैली पर कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने नगर निगम की तुलना अंधेर नगरी चौपट राजा के समान कर डाली। उनका कहना है, कि हर साल शहर में जलभराव की स्थिति बनती है। इस बात से निगम को पहले ही अवगत करा दिया गया था। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके कारण कुछ समय की बारिश में लोग परेशान होते रहे और निगम के अधिकारी जमीनी स्तर पर भी दिखाई नहीं दिए है।
निगम अधिकारियों की सफाई…
वही शहर में एक घंटे तेज बारिश से नगर निगम की खुली पोल पर निगम अधिकारियों का कहना है, कि अचानक कम समय में ज्यादा पानी बरसने से ऐसे हालात बने हैं। बाकी सीवेज सिस्टम और नालों की बकायदा सफाई की जा चुकी है। उनका ड्रेनेज सिस्टम तो ठीक काम कर रहा है।
शहर के अंदर कई इलाकों में जलभराव की समस्या कोई नई बात नहीं है। काफी सालों से बरसातों में ऐसा होता रहा है। जहां ऐसी समस्या होती है। जहां जहां ऐसी समस्या होती है लोग परेशान होते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है, कि अगर शहर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करना है, तो क्या ऐसे ही तस्वीरों के साथ शहर को स्मार्ट बनाया जाएगा।