भोपाल: फाइलों के तेज निपटारे को लेकर शुरू हुए ई-ऑफिस के कॉन्सेप्ट को एक कदम आगे ले जाते हुए सरकार वर्चुअल रिकॉर्ड रूम की ओर बढ़ रही है। वर्चुअल रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज जमा होने के बाद अब किसी भी फाइलों को संभालने की जरूरत समाप्त हो जाएगी। इस व्यवस्था से अब सिर्फ फाइल नंबर दर्ज करने से ही सारी जानकारी सामने आ जाएगी।
मंत्रालय की फाइलों, दस्तावेजों को संभालने (स्टोर) रखने के लिए अब वर्चुअल रूम का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए फंड की स्वीकृति भी प्रदान की जा चुकी है। वर्चुअल रिकॉर्ड रूम को इस साल नवंबर के अंत तक तैयार किया जाएगा और इसके बाद सभी विभागों की फाइलों को इस वर्चुअल रूम में स्टोर किया जाएगा। इसी के साथ विभागीय अधिकारियों और मंत्रालय के सचिवालय को अपने कार्यालय में बैठकर ही किसी भी फाइल का एक्सेस आसानी से मिल जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे ई-ऑफिस की तरह कार्य में तेजी आएगी।
वर्तमान में मंत्रालय में करीब 31 लाख से अधिक फाइलों को सहेजा जा चुका है और अब इन फाइलों को डिजिटल स्वरूप में भी संरक्षित किया जा रहा है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वर्चुअल रिकॉर्ड रूम तैयार होने के बाद दस्तावेजों को लेकर चिंता समाप्त हो जाएगी और समय-समय पर जिन फाइलों की जरूरत नहीं है, उन्हें डिस्पोज भी किया जा सकेगा।
वर्चुअल रूम तैयार होने के बाद कार्यालयों में रखी फाइलों के लिए जगह की कमी और दस्तावेजों के खराब होने का डर भी समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही कार्यालय में स्थान की बचत भी होगी और दस्तावेजों को डिजिटल स्वरूप में संरक्षित किया जा सकेगा।
यह नया कदम डिजिटाइजेशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल है, जो मंत्रालय के कार्यों को तेजी और दक्षता के साथ पूरा करने में सहायक साबित होगा। इस व्यवस्था से सरकारी फाइलों का प्रबंधन और आसान हो जाएगा।