सागर। उपवास में सिंघाड़े का हलवा खाने से दो परिवारों के सात लोगों की हालत बिगड़ गई। लगातार उल्टी, दस्त होने से उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। स्वजन का आरोप है कि जितने लोगों ने सिंघाड़े के आटे का हलवा खाया है, उन्हीं को उल्टी-दस्त हुए हैं। परिवार के अन्य लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
प्राइवेट अस्पताल में भर्ती शास्त्री वार्ड निवासी प्रीति रिछारिया (43) के पति स्वदेश रिछारिया ने बताया कि उन्होंने बुधवार की रात पीएनबी बैंक के पास संचालित डब्बू किराना से सिंघाड़े का आटा खरीदा था। शाम को इस आटे का हलवा और पुरी बनाकर उनके घर में सीमा पति धर्मेश रिछारिया (42), बेटा आयुष (14) और बेटा काव्य (10) ने खाई थी। रात करीब 12 बजे से चारों को उल्टी और दस्ता होने लगे। इसी तरह पड़ोस में रहने वाले शालू पिता रमाकांत बिलगैया (30), शिवांगी पिता रमाकांत बिलगैया (31) और मीना पति रमाकांत बिलगैया (52) ने भी इसी किराना दुकान से सिंघाड़े का आटा खरीद कर पुरी बनाकर खाई थीं। इन तीनों की हालत भी रात 12 बजे बिगड़ गई। लगातार उल्टी-दस्त होने पर सभी को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है। समय पर इलाज मिलने के कारण सभी सातों की हालत में सुधार हैं। वहीं दूरी ओर फूड पाइजनिंग की शिकायत पर प्रशासनिक अधिकारियों ने मौक पर पहुंच कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
फूड पाइजनिंग से पीड़ित सातों लोगों को इलाज के लिए रात करीब एक बजे सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में डाक्टर नहीं थे। इसके चलते परिवार के लोग इलाज कराने के लिए प्राइवेट अस्पताल पहुंचे, लेकिन डाक्टरों ने रात में दरवाजे नहीं खोले। इसके चलते सुबह करीब 4 बजे तक परिवार के लोग परेशान होते रहे। बड़ी मुश्किल से सुबह एक निजी अस्पताल के डाक्टर ने दरवाजे खोले और फूड पाइजनिंग से पीड़ित लोगों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।