भोपाल के जयप्रकाश (जेपी) अस्पताल और हमीदिया अस्पताल से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक ही ठेकेदार, मेसर्स शर्मा इंटरप्राइजेज, दो अलग-अलग परिस्थितियों में शामिल है। जेपी अस्पताल में यह ठेकेदार 17.61 लाख रुपये की बकाया राशि जमा न करने के कारण ब्लैकलिस्ट होने वाला है, जबकि हमीदिया अस्पताल ने उसी ठेकेदार को 39.08 लाख रुपये की पार्किंग का ठेका दे दिया है।
हमीदिया अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि टेंडर सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को दिया गया, और इस प्रक्रिया के अनुसार मेसर्स शर्मा इंटरप्राइजेज को पार्किंग का काम सौंपा गया। हालांकि, उन्हें इस ठेकेदार के जेपी अस्पताल में डिफॉल्टर होने की जानकारी नहीं थी। प्रबंधन ने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे और यदि ठेकेदार के खिलाफ आरोप सही पाए गए, तो हमीदिया के टेंडर पर पुनर्विचार किया जाएगा।
दूसरी ओर, जेपी अस्पताल में ठेकेदार का अनुबंध 9 अगस्त 2024 को समाप्त हो गया था, लेकिन पार्किंग शुल्क की अवैध वसूली अभी भी जारी है। ठेकेदार के कर्मचारी बिना अनुबंध के पार्किंग शुल्क वसूल रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने इस अवैध वसूली को रोकने के लिए ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भी इस मामले पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन ने कहा कि ठेकेदार का एग्रीमेंट अभी तक साइन नहीं हुआ है और यदि वह जेपी अस्पताल में डिफॉल्टर साबित होता है, तो मामले की जांच के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।
यह मामला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी को उजागर करता है, जिसमें एक तरफ अस्पताल प्रबंधन अवैध वसूली रोकने में असमर्थ साबित हो रहा है, तो दूसरी ओर नए ठेकेदार के चयन में देरी हो रही है।