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नाबालिग से घर में घुसकर दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को अदालत ने सुनाई ये सजा

सतना। नाबालिग से रेप के एक साढ़े 5 वर्ष पुराने मामले में सतना में पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने अपराधी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सतना शिल्पा तिवारी ने आरोपी रामकरण बागरी तनय पुरूषेात्तम बागरी (49) निवासी ग्राम वसुधा थाना नागौद को अलग-अलग धाराओं में कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।

 

दोषी पाए गए रामकरण को धारा 450 में 7 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 376 (2)(आई) में 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 376 (2)(एन) में 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 506 में 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए अर्थदंड और धारा 5 (एम) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष के सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। राज्य की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी ज्योति जैन ने पैरवी की। अभियोजन प्रवक्ता हरिकृष्ण त्रिपाठी एडीपीओ ने बताया कि 6 मार्च 2017 को पीड़िता के माता-पिता उसके मामा के घर बरहो के निमंत्रण में चले गए थे। वह घर पर अकेली थी, तभी शाम लगभग 4 बजे आरोपी रामकरण बागरी उसके घर आया और उससे उसके मम्मी-पापा के बारे में पूछने लगा। पीड़िता ने उसे बताया कि वे घर पर नहीं हैं। यह सुनकर रामकरण गया नहीं बल्कि बाहर रखी चारपाई पर बैठ गया।

 

उसके बाद पीड़िता अपने कमरे के अंदर गई। तभी रामकरण बागरी कमरे के अंदर आ गया और दुष्कृत्य किया। पीड़िता ने शोर मचाने की कोशिश की लेकिन आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया। रामकरण ने उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को कुछ बताया तो वह उसे जान से खत्म कर देगा। जब शाम को पीड़िता के माता-पिता घर आए तो डर के कारण उसने किसी को कुछ नहीं बताया।लेकिन इसके बाद आरोपी पीड़िता पर उसके घर आने का दबाव बनाने लगा। तब सारी बात उसने अपनी मां को बताई। उसने यह भी बताया कि रामकरण दो बार पहले भी उसके साथ जबरदस्ती कर चुका है। पीड़िता ने अपने माता -पिता के साथ थाना पहुंच कर रिपोर्ट दर्ज कराई।

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