ग्वालियर। न्यू कलेक्ट्रेट के सामने करीब 342 बीघा जमीन के आधिपत्य को लेकर हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान पक्ष और विपक्ष की तरफ से कई दावे पेश किए गए ।इस मामले में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सरकारी वकील की अनुशंसा पर इसे फिलहाल स्थगित रखा है। इस बीच में सरकारी वकील को जमीन को लेकर हक जताने वाले लोगों के बारे में अपना जवाब पेश करना है। इस जमीन पर दावा करने वाले एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
न्यू कलेक्ट्रेट के सामने विद्या विहार स्थित है। यहां की 342 बीघा जमीन पर महल गांव मरीमाता के पुजारी परिवार ने अपना दावा जताया है। उनका कहना है कि आजादी से पहले उनके परदादा के नाम यह जमीन शासन द्वारा उन्हें पट्टे मे दी गई थी। इसलिए जमीन पर उनका हक है जबकि सरकार का कहना है कि यह जमीन शासन की है खास बात यह भी है कि करीब 3400 करोड़ रुपए से भी ज्यादा कीमत की इस जमीन पर विवाद होने से यह खाली पड़ी है जिला न्यायालय ने जमीन पर दावा करने वाले गंगा प्रसाद शर्मा और अन्य के पक्ष में अपना फैसला दिया था जिसके खिलाफ शासन ने हाई कोर्ट में अपील दायर की।
दावा जताने वाले गंगा प्रसाद शर्मा और उनके साथ अन्य पक्षकारों में कोर्ट में सिविल दावे में बताया था कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2003 में उनके पक्ष में डिक्री कर दी थी। शासन ने 2004 में अपर सत्र न्यायालय में अपील दायर की जिसे न्यायालय ने देरी होने के कारण खारिज कर दिया था। इस बेशकीमती जमीन को लेकर सभी की निगाहें इस के मालिकाना हक को लेकर लगी हुई है। यह मामला कई सालों से चल रहा है पहले इस जमीन की कोई कीमत नहीं थी लेकिन जैसे ही सरकारी कार्यालय वहां पहुंचे और हाईवे का काम शुरू हुआ वैसे ही यहां रातो रात जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं।