छतरपुर। शनिवार को बिजावर अनुभाग के ग्राम पिपट में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए पहुंचे केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार को गांव की बेटी ने खरी-खरी सुनाई, जिससे केन्द्रीय मंत्री शब्द रह गए। केंद्रीय मंत्री उसका एक भी जवाब भी नहीं दे सके। युवती ने मंत्री के साथ साथ उनके साथ मौके पर गए अफसरों को भी खरी खोटी सुनाई।
दरअसल लक्ष्मी को जैसे ही पता चला कि केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार उसके गांव पिपट आए हैं तो वह अपनी मां और गांव वालों को साथ लेकर मंत्री के पास पहुंच गई। समस्याओं का समाधान न होने से नाराज 21 साल की लक्ष्मी चौरसिया ने केन्द्रीय मंत्री को गांव की समस्याएं गिनाते हुए सवाल किया कि जनता की परेशानी दूर करना आपका फर्ज है या नहीं गरीब क्या चक्कर काटने के लिए हैं।
लक्ष्मी ने बड़ी साफगोई से मंत्री को बताया कि हमारे पापा 15 साल से मजदूरी के लिए दिल्ली तो कभी दूसरे शहरों में रहते हैं। वह, मां और दो छोटे भाई साथ गांव में रहती है। परिवार की माली हालत खराब होने के बावजूद राशनकार्ड से अनाज नहीं मिलता। डेढ़ साल से पंचायत, तहसील, कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। खुद खेत में तालाब खुदवाया, इसका भी एक पैसा अब तक नहीं मिला। साहब कहते हैं कि डॉक्यूमेंट्स लाकर दो, आखिर कितनी बार दें वो तो कई बार जमा कर चुके हैं। हम लोग क्या खाएंगे, क्या करें, गरीब आदमी की कोई नहीं सुनता। लक्ष्मी ने मंत्री के सामने ही ग्राम पंचायत सचिव राजेश पांडे को भी खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि मैं इनसे व्यक्तिगत कई बार मिल चुकी हूं, ये कोई भी काम नहीं करते। ये सब सुनकर लापरवाही करने और हर काम पूरे दाम लेकर करने वाले सचिव व अन्य अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए, सभी बगलें झांकने लगे। गांव की बेटी के सवालों ने सारी सच्चाई को उजागर कर दिया, जिसका किसी के पास कोई जवाब नहीं था।
केन्द्रीय मंत्री के सामने अपने दिल का पूरा गुबार आक्रोश के साथ निकाली गांव की बेटी ने साफ शब्दों में कहकर कि सरकारी दफ्तरों में केवल आश्वासन मिलते हैं, काम नहीं होता कहकर सरकारी महकमे की सच्चाई को सामने रख दिया। गुस्साई लक्ष्मी यहीं नहीं रुकी उसने कहा 6 महीने से जिस दफ्तर में जाओ, बस यही सुनने को मिलता है, कर देंगे, हो जाएगा। अब आप ही बताओ, आप लोग किसलिए हैं। आपको काम करना चाहिए कि नहीं। इन्हें हम सब लोगों की सुननी चाहिए कि नहीं, यह क्यों नहीं सुनते। यह समस्या सिर्फ हमारी ही नहीं, यहां आए हर ग्रामीण की है। गांव के एक बेटी की पीड़ा भरी नाराजगी देखकर मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार सन्ना होकर शब्द रह गए, जब उसने अपनी बात पूरी कर ली तो उन्होंने मौके पर ही एसडीएम राहुल सिलाड़िया व तहसीलदार को बुलवाकर समस्या का समाधन करके तुरंत अवगत भी कराएं। उन्होंने कहा जब दोबारा गांव आऊं तो किसी भी ग्रामीण के मुंह से इस प्रकार की समस्याएं सुनने को नहीं मिलें। यदि ऐसा फिर हुआ तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।