मुरैना। बिजली कंपनी के अधिकारी बकाया वसूली के लिए नियम विरुद्ध कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। कंपनी ने 4 किसानों के बैंक खाते सीज करवा दिए हैं। इससे पहले कंपनी ने ट्रांसफार्मर उतार लिए थे। किसानों के हथियारों के लाइसेंस भी रद्द करवाने के लिए आवेदन दे दिया है। उल्लेखनीय है कि बकाया वसूली के लिए न्यायालय के आदेश पर संपत्ति कुर्की की कार्रवाई की जा सकती है लेकिन बैंक खाते सीज करवाने या हथियारों के लाइसेंस रद्द करवाने का प्रावधान नहीं है।
मौखिक रूप से बिजली कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि कंपनी मुख्यालय से सख्त आदेश हैं कि हर हाल में राजस्व वसूली की जाए। मुरैना जिले के उपभोक्ताओं पर बिजली कंपनी का 1050 करोड़ रुपए बकाया है। मुरैना जिले में कुल 2 लाख, 65 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें से मात्र 15000 उपभोक्ता ही बिजली का बिल भर रहे हैं। बाकी 2 लाख, 40 हजार उपभोक्ताओं पर 1025 करोड़ रुपए बकाया राशि है। कंपनी की इस राशि में हर महीने इजाफा हो रहा है।
बताया गया है कि बिजली कंपनी के महाप्रबंधक का पद खाली है। डीजीएम पीके शर्मा को महाप्रबंधक पद का लुक ऑफ्टर दिया गया है। लुक ऑफ्टर देना पूरी तरह से अस्थाई व्यवस्था है। यह उन परिस्थितियों में दिया जाता है जब तक खाली पद पर उसके योग्य कोई अधिकारी नहीं आ जाता है। पीके शर्मा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को खुश करना चाहते हैं ताकि वह जीएम की कुर्सी पर जमे रहें। इसलिए किसानों पर दबाव बनाने हेतु हर तरह की कार्यवाही कर रहे हैं।
आंकड़े बताते हैं कि नगर निगम क्षेत्र में 10 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक की उधारी वाले 6992 उपभोक्ता हैं। इन पर 200 करोड़ रुपए बकाया है। वहीं एक लाख रुपए से अधिक उधारी वाले 16823 उपभोक्ता हैं। इन पर 71 करोड़ रुपए बकाया हैं। अकेले मुरैना शहर में ही पांच हजार से अधिक बंदूकधारी दबंग उपभोक्ता हैं। यह उपभोक्ता बिजली का बिल भरते ही नहीं हैं, लेकिन इनके खिलाफ कंपनी ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।