ग्वालियर। माता पिता के बीच आए दिन होने वाली लड़ाई का असर उनके बच्चों की मानसिकता पर कितना गहरा पड़ता है इसका नजारा उस समय कोर्ट में देखने को मिला जब पुत्र की सुपुर्दगी मांगने हाई कोर्ट पहुंचे किशोर के पिता को मायूसी हाथ लगी। किशोर बेटे ने साफ इनकार कर दिया कि वह पिता के साथ रहना नहीं चाहता। यह किशोर पिछले 8 सालों से अपनी मां के साथ रह रहा है। माता-पिता का झगड़ा काफी पुराना है। कोर्ट में मौजूद बेटे ने बताया कि माता-पिता के झगड़े के कारण उसके मस्तिष्क से पुरानी बातें अभी तक गई नहीं है और उसे झगड़ों को याद करके रोना तक आ जाता है।
दरअसल धौलपुर के रहने वाले युवक की शादी मुरैना की एक युवती से 2007 में हुई थी। उन दोनों के बीच पहले संबंध अच्छे रहे और वे दोनों एक बच्चे के माता-पिता भी बने ।लेकिन बाद में उनमें झगड़े होने लगे। बीते 8 सालों से पति पत्नी अलग रह रहे हैं। हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए याचिका लगाने वाले पिता को खरी-खोटी सुनाई कि उसकी वजह से नाबालिग बच्चे की मानसिकता पर असर पड़ा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पत्नी को अच्छी तरह नहीं रख सकते तो संबंध विच्छेद कर लो।
हाईकोर्ट ने महिला को भी फटकार लगाई है कि जब उसे पति के साथ नहीं रहना है तो तलाक क्यों नहीं ले लेती। कोर्ट ने कहा कि महिला का यह व्यवहार उचित नहीं है गौरतलब है कि अधीनस्थ न्यायालय ने पूर्व में बेटे की सुपुर्दगी मां को दे दी थी जिसके खिलाफ पिता ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
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