भोपाल। राज्य में कोरोना के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस का पहला मामला सामने आया है। राजधानी भोपाल में कोरोना का नया वेरिएंट केस मिला है। मालूम हो कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया गया था। ये नया वेरिएंट उसी का बदला स्वरूप है। लोग इस वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं। उनका मानना है कि इस नए वेरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल का भी असर नहीं होगा।
बतादें कि, गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) भोपाल से इस महीने 15 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। जिसमें से मंगलवार को आई रिपोर्ट में एक सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी इस नए वेरिएंट की पुष्टि नहीं की है। भोपाल के सीएमएचओ डा. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि रिपोर्ट अभी उन्होंने देखी नहीं है, इसलिए फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकते। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि नया वेरिएंट कितना खतरनाक है और दूसरे वेरिएंट से कितना अलग है।
नए वेरिएंट की गंभीरता को लेकर एम्स के निर्देशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इस वेरिएंट से भारत में मौजूद मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल के प्रभाव को झटका लग सकता है। हालांकि ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट कितनी घातक हो सकती है, अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है। इस लिए चिंता की कोई बात नहीं है। लोग नए वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन वे ज्यादा खतरनाक स्थिति में नहीं जाएंगे।