इंदौर। ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों, कुंडली और नक्षत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है, और हर ग्रह के राशि परिवर्तन से राजयोग का निर्माण होता है। नए साल के पहले महीने जनवरी 2025 में प्रेम, सौंदर्य और सुख के कारक शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे, जिससे मालव्य राजयोग बनेगा। इस दौरान केन्द्र त्रिकोण राजयोग भी बन सकता है, जो विशेष रूप से लाभकारी होगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दैत्यों के गुरु शुक्र, वृषभ और तुला के स्वामी होते हैं। शुक्र मीन राशि में उच्च स्थान पर और कन्या राशि में नीच स्थान पर होते हैं। जब शनि उच्च राशि में होते हैं, तो मालव्य राजयोग बनता है। 28 जनवरी 2025 को शुक्र मीन राशि में प्रवेश करेंगे और 31 मई तक इसी राशि में रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग 31 मई 2025 तक प्रभावी रहेगा। इसका विशेष लाभ चार राशियों को मिलेगा।
राजयोग से तीन राशियों की किस्मत चमकेगी
मिथुन राशि नए साल में दो राजयोगों का बनना मिथुन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ हो सकता है। करियर में प्रगति, नौकरी में प्रमोशन और वेतन वृद्धि के अवसर मिल सकते हैं। कारोबारियों को लाभकारी व्यापारिक यात्राएं मिल सकती हैं। पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे और कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलेगा। बेरोजगारों को नई नौकरी मिल सकती है।
वृषभ राशिकेंद्र त्रिकोण और मालव्य राजयोग वृषभ राशि के जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। आय में वृद्धि होगी, और नए स्त्रोत बन सकते हैं। नया व्यापार शुरू करने के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। निवेश से लाभ मिल सकता है, और भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। साल 2025 में हर काम में सफलता मिल सकती है।
कुंभ राशि दो राजयोगों का बनना कुंभ राशि के जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। नौकरी में मनचाहा ट्रांसफर और पोस्टिंग के योग बन रहे हैं। आकस्मिक धन लाभ हो सकता है, और शेयर बाजार में निवेश से लाभ मिल सकता है। नए व्यापार की शुरुआत करने के लिए समय अनुकूल है। पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे और शनि के आशीर्वाद से आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
मीन राशि नए साल में दो राजयोगों का बनना मीन राशि के जातकों के लिए फायदेमंद होगा। शादीशुदा जीवन में सुख और पारिवारिक संबंधों में मजबूती आएगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। करियर में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है, और व्यापार में नया लाभ हो सकता है।
कुंडली में कब बनता है मालव्य और केन्द्र त्रिकोण राजयोग
ज्योतिष के अनुसार, यह पंच महापुरुष राजयोगों में से एक महत्वपूर्ण राजयोग है। जब कुंडली में शुक्र 1, 4, 7, या 10वें घर में वृष, तुला या मीन राशि में स्थित होता है, तो मालव्य राजयोग बनता है। इसी तरह, जब कुंडली के 3 केंद्र भाव (4, 7, 10) और 3 त्रिकोण भाव (1, 5, 9) आपस में युति, दृष्टि संबंध या राशि परिवर्तन करते हैं, तब केन्द्र त्रिकोण राजयोग बनता है। यह राजयोग जातक के लिए भाग्यशाली होता है और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।