ग्वालियर। शहर की इंदरगंज पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है ,जो सिर्फ मारुति ईको गाड़ियों के साइलेंसर चुराता था। सभी चोर पेशे से कारों के मैकेनिक बताए गए हैं। साइलेंसर चुराने के पीछे चोरो का मकसद उसमें कोटेड कीमती प्लेटिनम ,रेडियम एवं पैलेडियम डस्ट को निकालना होता था। जो बाजार में बेहद महंगे दामों पर बिकती है।एक साइलेंसर को बाजार में 20 से 25 हजार रुपए में बेचा जाता था।
खास बात यह है, कि इको गाड़ी का साइलेंसर खोलना भी बेहद आसान होता है। इसके लिए किसी तरह से गाड़ी के कांच अथवा उसका लॉक खोलने की जरूरत नहीं पड़ती है। बाहर से ही चोर गाड़ी के नीचे बैठकर यह साइलेंसर निकाल लेते थे। पुलिस ने इस सिलसिले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन पुलिस का अनुमान है कि इस गिरोह में करीब 10 सदस्य शामिल है। जिसमें कबाड़ी सहित बाकी सदस्यों की तलाश की जा रही है।
पुलिस पूछताछ में चोरों ने बताया कि वह साइलेंसर चुराने के बाद उसे ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोलू कबाड़ी को बेचते थे। जहां उसकी धातु निकालकर बाकी साइलेंसर को वो अलग से बेच देते थे। साइलेंसर से निकली जस्ट की 10 ग्राम की कीमत 3 से 4 रुपए तक बिकती थी और एक साइलेंसर से 250 से लेकर 350 ग्राम तक ड़स्त निकल आती थी। पुलिस को पूछताछ में इन साइलेंसरो से धातु निकालने वाले ट्रांसपोर्ट नगर के डब्बू कबाड़ी का पता चला है ,जो इनसे इन साइलेंसरो को खरीदता था। लेकिन पुलिस की भनक लगते ही वह फरार हो गया है।
पिछले कुछ दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी, कि इंदरगंज इलाके में मारुति ईको गाड़ी कुछ लोग निशाना बना रहे हैं और इसके पीछे उनका खास मकसद है। कुछ सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगे थे। इसके आधार पर बदमाशों की तलाश की गई तो पता चला कि कुछ बदमाश इस काम में जुटे हुए हैं। उनकी तलाश की गई तो एक के बाद एक गेंडे वाली सड़क एरिया से चार बदमाश लादेन और शाहनवाज, मनीष श्रीवास, सोहेल खान, अरमान उर्फ चीकू पकड़ में आ गए। फिलहाल इंदरगंज पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और फरार कबाड़ी डब्बू की भी तलाश कर रही है।