उज्जैन: नागपंचमी का पर्व इस वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाएगा। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के शिखर पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के द्वार केवल वर्ष में एक बार, नागपंचमी के अवसर पर ही खोले जाते हैं। इस बार मंदिर के द्वार 8 अगस्त को गुरुवार रात 12 बजे खोले जाएंगे, और 9 अगस्त को शुक्रवार रात 12 बजे तक भक्तगण दर्शन कर सकेंगे। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर नीरजकुमार सिंह के अनुसार, नागचंद्रेश्वर और महाकाल के दर्शन के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल के दर्शन 40 मिनट में किए जा सकेंगे।
मंदिर में स्थित है 11वीं शताब्दी की प्रतिमा
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर है, जिसके शीर्ष पर नागचंद्रेश्वर का मंदिर स्थित है। इस मंदिर में 11वीं शताब्दी की एक प्राचीन प्रतिमा स्थापित है, जिसमें नागचंद्रेश्वर सात फनों से सुशोभित हैं। साथ ही शिव-पार्वती के वाहन नंदी और सिंह भी यहां विराजित हैं। इस प्रतिमा को नेपाल से लाया गया था, और मान्यता है कि उज्जैन के अलावा विश्व में कहीं और ऐसी प्रतिमा नहीं पाई जाती।
त्रिकाल पूजा का आयोजन
नागपंचमी के दिन नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाएगी। 8 अगस्त की रात 12 बजे मंदिर के द्वार खुलने के बाद श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरिजी महाराज और श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर सिंह प्रथम पूजन और अभिषेक करेंगे। 9 अगस्त को दोपहर 12 बजे अखाड़े की ओर से पूजा संपन्न की जाएगी।