ग्वालियर। 24 फरवरी का दिन क्रिकेट और ग्वालियर के इतिहास में सुनहरा दिन माना जाता है। 12 साल पहले 24 फरवरी 2010 को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने वनडे इतिहास का दोहरा शतक लगाया था। ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए डे-नाइट वनडे मैच में सचिन ने 200 रन की नाबाद पारी खेली थी। वनडे में पहली डबल सेंचुरी लगाने पर सचिन को ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से डेढ़ किलो चांदी का बल्ला देकर सम्मानित किया गया था।
क्रिकेट के भगवान ने ग्वालियर में रचा था इतिहास
सचिन तेंदुलकर ने ग्वालियर की धरती पर 12 साल पहले इतिहास रचा था। साल 2010 में 24 फरवरी को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ग्वालियर में खेला गया था। कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेले गए मैच में भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सेहवाग सलामी जोड़ी के तौर पर मैदान में उतरे। भारत ने 25 रन के स्कोर पर वीरेंद्र सहवाग का विकेट खोया। सेहवाग 9 रन बनाकर पोवेलियन लौट गए। लेकिन सचिन तेंदुलकर ने मैच में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी। सचिन में 50 वें तक मैच में दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों की जमकर सुताई की। सचिन तेंदुलकर ने 147 गेंदों पर नाबाद 200 रन की पारी में 25 चौके और 3 छक्के लगाए। सचिन की ये पारी वनडे इतिहास के पहले दोहरे शतक के तौर पर दर्ज है।
सचिन के दोहरा शतक की बदौलत भारत के 400 रन
ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम में डे-नाइट मैच में सचिन ने नाबाद 200 रन की पारी खेली, सचिन के अलावा दिनेश कार्तिक ने 85 रन ठोके तो वहीं धोनी ने धुंआधार बल्लेबाज़ी करते हुए महज़ 35 गेंदों पर नाबाद 68 रन बनाए। इस मैच में भारत ने 50 ओवर बल्लेबाज़ी करते हुए तीन विकेट पर 401 रनों बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका महज़ 248 रनों पर ढेर हो गई। अफ्रीका के एबी डिविलियर्स ने 101 गेंदों पर नाबाद 114 रनों की पारी खेलकर अफ्रीका का सम्मान बचाया। भारत ने इस मैच में अफ्रीका को 153 रन शिकस्त दी। सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ दी मैच दिया गया। सचिन को केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ में डेढ़ किलो वजनी चांदी का बल्ला देकर सम्मानित किया था।