उज्जैन। उज्जैन जिले के बड़नगर में आयोजित एक शादी समारोह में उस समय बरातियों का स्वागत कर रहा परिवार चौंक गया जब दहेज का सामान देखकर दूल्हे ने निकाह से इनकार कर दिया। दूल्हे का कहना था कि हमने शादी से पहले ही कहा था कि हम उपहार के नाम पर कुछ भी नहीं लेंगे। फिर भी आप हमें कुछ सामग्री देना चाहते हैं, तो वह हमें नहीं चाहिए। अगर आप जबरदस्ती करेंगे तो फिर मैं यहां निकाह नहीं करूंगा।
खरसौदकलां निवासी शहजाद खां मंसूरी के बड़े बेटे यामीन मंसूरी (23) का निकाह रुनीजा निवासी जाकिर मंसूरी की पुत्री समीना बी के साथ तय हुआ था। निकाह के दिन यामीन पूरी तैयारी के साथ बरात लेकर गुजराती माली समाज के भवन में अपनी दुल्हन लेने पहुंचा। बरात के स्वागत-सत्कार के बाद जब निकाह का समय आया, तो यामीन और उसके पिता शहजाद खा मंसूरी ने वहां दहेज के रूप में बर्तन आदि देखे, तो वह भड़क गए। दुल्हन के पिता और उनके परिवार से कहा कि यदि आपने दहेज दिया तो हम निकाह नहीं करेंगे। हमने आपको पहले ही बता दिया था कि दहेज में हम कुछ भी नहीं लेंगे। दुल्हन समीना बी के माता-पिता और रिश्तेदारों के शगुन के तौर पर पांच बर्तन रखने का आग्रह भी उन्होंने ठुकरा दिया। निकाह के मंडप हर कोई दूल्हे व उसके परिवार की तारीफ कर रहा था।
यामीन के पिता शहजाद मंसूरी ने कहा किताबों में पढ़ा है कि दहेज लेना और देना अपराध है। जो माता-पिता कलेजे के टुकड़े को बिना कुछ लिए सामने वाले परिवार को दे देते हैं, उनसे भला दहेज कैसे लिया जा सकता है।