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Thursday, November 14, 2024

अस्पताल ने नहीं भेजा शव वाहन, तो खाट पर ले जाना पड़ा बुजुर्ग का शव

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सिंगरौली। सिंगरौली जिले में शांति वाहन नहीं मिला तो बुजुर्ग का शव खाट पर ढोना पड़ा। बुजुर्ग के परिजन ने एम्बुलेंस और शांति वाहन के लिए सिंगरौली के अस्पताल से संपर्क किया, लेकिन उपलब्ध नहीं हो सके। परिजन शव को खाट पर रखा और खाट को कंधे पर रखकर करीब 5 किलोमीटर पैदल चले। इसके बाद पुलिस ने मदद की। पुलिस ने अपनी गाड़ी में शव रखकर गांव तक पहुंचाया।

 

मामला सिंगरौली की सरई तहसील का है। बुधवार को सीधी जिले के बेंदो गांव के रहने वाले मनमोहन सिंह (65) अपनी बेटी के यहां झारा गांव गए थे। यहां उनकी मौत हो गई। झारा गांव सिंगरौली में ही आता है। यहां से बेंदो गांव की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। दामाद ने एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए अस्पताल में फोन किया। अस्पताल ने शव वाहन देने से मना कर दिया। कोई और व्यवस्था न होने पर परिजन खाट पर ही शव लेकर बेंदो गांव की ओर निकल पड़े।

 

परिजन शव लेकर 5 किलोमीटर तक चले। इसके बाद सीधी जिला लग गया। यहां राहगीरों की नजर शव पर पड़ी। उन्होंने थाना प्रभारी को इसकी सूचना दी। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस की गाड़ी में शव रखा और परिजनों को भी बैठाया। इसके बाद उन्हें लेकर बेंदो गांव पहुंचे।थाना प्रभारी भुईमाड़ आकाश सिंह राजपूत ने बताया कि मृतक के परिजनों ने एम्बुलेंस के लिए संपर्क किया था। अस्पताल की तरफ से एम्बुलेंस वाहन नहीं मिल सका। उसके बाद वे शव को खाट पर लेकर पैदल ही 20 किमी दूर अपने गांव निकल पड़े। हमें राहगीर ने फोन से सूचना दी कि कुछ लोग खाट से बुजुर्ग का शव ले जा रहे हैं। उसके बाद हम मौके पर पहुंचे और वाहन से शव को मृतक के घर तक पहुंचाया।

 

जिला अस्पताल ट्रॉमा सेंटर बैढ़न के शव वाहन प्रभारी डॉक्टर यूके सिंह ने बताया कि जिले के तीनों ब्लॉक सिंगरौली, देवसर और चितरंगी में एक-एक शव वाहन मुहैया कराए गए हैं। जरूरत पड़ने पर शव वाहन उपलब्ध कराए जाते हैं। मृतक के परिजनों ने कॉल कर वाहन की मांग की थी। यहां से टीम ने बताया था कि अभी वाहन दूसरी जगह गया है। डेढ़ से दो घंटे में गाड़ी आप तक पहुंच जाएगी। इसके बाद उन्होंने गाड़ी आने का इंतजार नहीं किया। वे खुद खटिया पर शव लेकर पैदल अपने गांव चले गए। जिला स्वास्थ्य अधिकारी एनके जैन ने कहा कि अस्पताल में मौत होने पर या पुलिस की सूचना पर शव वाहन मुहैया कराए जाते हैं। इस मामले में मौत अस्पताल में नहीं हुई है। इस वजह से उसे शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। सिंगरौली कलेक्टर अरुण परमार ने कहा कि इस मामले में जांच करने के निर्देश दे दिए हैं।

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