भोपाल। मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में नेता पुत्रों द्वारा सरकारी कर्मियों के साथ किए गए बदसलूकी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस समस्या ने न केवल प्रशासनिक तंत्र को प्रभावित किया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल पैदा कर दी है।
मंत्री पुत्रों की करतूतें…
पिछले कुछ दिनों कई ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जहां नेता पुत्रों ने पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों के साथ अभद्रता की है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के बेटे प्रबल पटेल का एक वीडियो विशेष रूप से चर्चित रहा, जिसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए कहा, “मेरे पापा मंत्री हैं, मैं तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा।” यह वीडियो जबलपुर में एक सड़क दुर्घटना के बाद का है।
दिग्विजय सिंह के परिवार की महिमा…
इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भतीजे आदित्य विक्रम सिंह का भी एक विवादित वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में वह महिला पुलिस अधिकारी से बहस करते हुए सिगरेट पी रहे हैं और उनके चेहरे पर धुएं के छल्ले उड़ाते दिख रहे हैं। इस घटना के बाद आदित्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
राज्यपाल के पोते की गुंडागर्दी…
राज्यपाल थावरचंद गहलोत के पोते विशाल का भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पुलिसकर्मियों के साथ झगड़ते हुए नजर आ रहे हैं। उज्जैन में हुई इस घटना में विशाल ने महिला एएसआई के साथ बदसलूकी की और उनके मोबाइल को छीनने का प्रयास किया। यह स्थिति इस बात का उदाहरण है कि सत्ता की ताकत कितनी हावी हो गई है।
न केवल ये नेता पुत्र, बल्कि राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे का एक रेस्टोरेंट संचालक के साथ विवाद भी चर्चा का विषय बना। जब रेस्टोरेंट संचालक ने मंत्री पुत्र पर मारपीट का आरोप लगाया, तो मंत्री स्वयं थाने पहुंचे और पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके बेटे को गलत तरीके से टार्गेट किया गया।
इन सभी घटनाओं पर राजनीति भी तेज हो गई है। सत्ताधारी पार्टी और विपक्षी दल दोनों ही अपने-अपने नेताओं के बचाव में जुटे हुए हैं। यह विडंबना है कि जब नेता पुत्रों द्वारा ऐसे कृत्य किए जाते हैं, तो सभी दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लगे रहते हैं, लेकिन खुद अपने नेता पुत्रों के कृत्यों पर चुप्पी साधे रहते हैं।