राशिफल। वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल व खग्रास चंद्र ग्रहण 16 मई को लगेगा। इसमें सूतक वेध नहीं होगा। दोनों ही ग्रहण भारत के किसी भी क्षेत्र से नहीं दिखेंगे। प्रत्येक वर्ष 4 ग्रहण लगते हैं। जिसमें 2 सूर्यग्रहण और 2 चंद्रग्रहण लगता है। विक्रम संवत 2079, अंग्रेजी वर्ष 2022 में भी चार ग्रहण लगेंगे। जिसमें 2 सूर्य ग्रहण होगा और 2 चंद्र ग्रहण लगेंगे। ज्योतिष गणना अनुसार 30 अप्रैल से 16 मई तक दो ग्रहण लगेगें। जिसमें पहला खंड सूर्यग्रहण और दूसरा खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। दोनों ही ग्रहण भारत के किसी भी क्षेत्र से नहीं दिखेंगे। ग्रहण का सूतक वेध और प्रतिबंध भी नहीं होगा।
वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या शनिवार दिनांक 30 अप्रैल 2022 को अश्विनी नक्षत्र में मेष राशि पर वर्ष का यह पहला खंड सूर्यग्रहण लगेगा। जिन राशियों के 3, 6, 10 और 11 वें भाव पर ग्रहण होता है, उन्हें विशेष शुभ और लाभ की प्राप्ति होती है। जिनके प्रथम, चतुर्थ, अष्टम और द्वादश ( 1, 4, 8, 12 ) भाव में ग्रहण होता है, उन्हें विशेष कष्ट होता है। शेष राशियां जिनके 2, 5, 7 और 9 वें भाव में ग्रहण होता है, उन्हें भी कहीं न कहीं से कुछ परेशानियां होती है।
यह ग्रहण भारतीय भू-भाग पर कहीं से भी नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण दक्षिण पश्चिम अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक एवं आर्कटिका के क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह ग्रहण भारतीय मानक समयानुसार 30 अप्रैल को लगने वाला वर्ष का पहला सूर्यग्रहण (खंड सूर्यग्रहण) दिन के 12.15 बजे से अपराह्न 4 बजकर 7 मिनट तक दिखाई देगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 52 मिनट की होगी। ग्रहण का आरंभ मध्य और मोक्ष 3 घंटे 52 मिनट के अंदर ही होगा।
सूर्य ग्रहण में 12 घंटे तथा चंद्र ग्रहण में ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, किंतु सूतक काल वहीं लगता है, जहां ग्रहण दिखाई देता है। वहीं के जन मानस तथा जीवों पर ग्रहण का प्रभाव भी पड़ता है। भारतीय भू भाग पर इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होने से इसकी कोई धर्म शास्त्रीय मान्यता नहीं है, और नहीं किसी विशेष विस्तृत विवरण की भी कोई आवश्यकता है। 16 मई 2022 को लगने वाला खग्रास चन्द्र ग्रहण भी भारतीय भू भाग से नहीं दिखेगा। इसलिए राशियों के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव की जानकारी देने की कोई आवश्यकता नहीं है।