इंदौर। दो साल पहले तक एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच करीबियां लगातार बढ़ रही हैं। रविवार को इंदौर में हुई इन दोनों नेताओं की मुलाकात भी इसी वजह से काफी चर्चा में है। मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दोनों नेताओं की बढ़ती जुगलबंदी से कई कयास भी लगाए जाने लगे हैं। जब से सिंधिया भाजपा में आए है, दोनों एक-दूसरे को तवज्जो देना नहीं भूलते। बल्कि विजयवर्गीय तो ठहाके लगाकर दोस्ती को और मजबूत कर रहे हैं। वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं ये भी हैं कि ये दोनों मिलकर प्रदेश की राजनीति में नया गेम खेल सकते हैं।
इन दोनों दिग्गजों की ये मुलाकात इंदौर के सयाजी होटल में डिवीजनल क्रिकेट एसोसिएशन (IDCA) के सम्मान समारोह में हुई। जिसमें टीम इंडिया में जगह बनाने वाले इंदौर के क्रिकेटरों वेंकटेश अय्यर और आवेश खान का सम्मान किया जाना था, हालांकि वे नहीं आ सके। कार्यक्रम से पूर्व दोनों नेता हॉल में एक सोफे पर बैठकर काफी देर तक बात करते रहे। फिर कुछ ही देर बाद सिंधिया के कट्टर समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट व विजयवर्गीय के खास विधायक रमेश मेंदोला भी पहुंचे। बस यहीं से नई समीकरण को लेकर हलचलें तेज हो गईं।
यह बताना होगा कि सिंधिया के साथ भाजपा में आए तुलसी सिलावट के लिए तब सांवेर की सीट पर फतह पाना इतना आसान नहीं था, लेकिन चुनाव प्रभारी रमेश मेंदोला की बदौलत ही सिलावट को बड़ी जीत मिली। तब से सिलावट की भी विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो के नेताओं से नजदीकियां बढ़ी हुई हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले विजयवर्गीय ने दिल्ली में एक मौके पर सिंधिया की जमकर तारीफ की थी, जबकि सिंधिया भी अब विजयवर्गीय के साथ मेंदोला को नहीं भूलते।