राशि। भारतीय ज्योतिष के अनुसार 23 अक्टूबर 2022 को शनि देव मकर राशि में मार्गी हुए थे और अब वह इसी राशि में सीधी चाल चल रहे हैं। वहीं, इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। शास्त्रों में शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण बेहद कष्टकारी माना जाता है। इस समय कुंभ राशि के जातकों को बहुत सावधानी रखना होगी। दरअसल ज्योतिष शास्त्र कहता है कि शनि के राशि परिवर्तन या चाल परिवर्तन को काफी अहम माना जाता है। शनि को न्याय देवता कहा गया है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं। ऐसा ही कुछ कुंभ राशि के जातकों के साथ होने वाला है। आइए जानते हैं कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से कब मिलेगी राहत
ज्योतिष शास्त्र और हिन्दूं पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके थे। शनि के राशि बदलने के साथ ही कुंभ राशि में 29 अप्रैल 2022 से शनि साढ़ेसाती के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई। वहीं, शनि के कुंभ राशि में आने से धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल गई थी और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी। कर्क व वृश्चिक राशि के जातक शनि ढैय्या से पीड़ित हुए थे। बता दें कि शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को 3 जून 2027 को मुक्ति मिल जाएगी। कुंभ राशि पर शनि साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 को शुरु हुई थी। साढ़ेसाती के दूसरे चरण के दौरान कुंभ राशि वालों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक कष्टों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए अपना विशेष ध्यान रखें।
शनि की वर्तमान स्थिति-
1.शनि 23 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश हुए थे
2. 5 जून तक वक्री अवस्था (उल्टी चाल) में थे
3.12 जुलाई को वक्री अवस्था में ही मकर राशि में गोचर कर गए थे
4. 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी हुए थे
5.17 जनवरी 2023 को फिर से शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे