भोपाल। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों में से 98 प्रतिशत होम आइसोलेशन में ही रहकर ठीक हो रहे हैं। सिर्फ दो प्रतिशत को ही अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ रही है। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर और भोपाल में मिल रहे हैं। भोपाल में बुधवार को 30 मरीज मिले हैं। एक मरीज की मौत भी हुई है। मंगलवार को 33 मरीज मिले थे, जबकि 60 साल के एक मरीज की मौत भी हुई थी।
उधर, प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या एक दिन कम होने के बाद मंगलवार को फिर बढ़ गई है। 7155 सैंपलों की जांच में कोरोना के 117 मरीज मिले हैं। सोमवार को 98 मरीज मिले थे। इसके पहले लगतार पांच दिन तक कोरोना के नए मरीजों की संख्या सौ से ऊपर रही थी। सबसे ज्यादा एक दिन में 128 मरीज मिले थे। नए मरीजों के साथ ही प्रदेश में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 761 हो गई है। नए संक्रमितों में 20 ऐसे हैं जिन्होंने कोरोनारोधी टीका की एक भी डोज नहीं लगवाई थी।
स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार सक्रिय मरीजों में से 21 निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। 14 संदिग्धों का इलाज भी अस्पतालों में चल रहा है। इस तरह सक्रिय मरीजों में सिर्फ दो प्र्रतिशत ही अस्पतालों में हैं। बता दें कि दूसरी लहर में कुछ दिन के लिए यह स्थिति बन गई थी संक्रिय मरीजों में 38 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ रहा था। अभी आक्सीजन सपोर्ट पर भी सिर्फ एक संक्रमित को ही रखा गया है। इसका मतलब यह कि जो मरीज अस्पतालों में भर्ती भी हैं वह गंभीर नहीं हैं। हालांकि, एम्स के पूर्व निदेशक व देश के जाने-माने वायरोलाजिस्ट डा. सरमन सिंह का कहना है कि कोरोना वायरस के व्यवहार को लेकर कुछ नहीं सकते। ऐसे में सभी लोगों को चाहिए कि मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करें।