भोपाल। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश के बीजेपी नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को 11 जिलों में प्रचार की कमान मिल सकती है। पार्टी की कोशिश है कि झांसी-आगरा बेल्ट की कई सीटों पर सिंधिया के चेहरे का इस्तेमाल किया जाए। सीएम शिवराज को स्टार प्रचारकों की सूची में रखा जाएगा। इसी तरह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को एमपी की सीमा से सटे जिलों में अहम जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत मिले हैं।
सीएम शिवराज 19 दिसंबर को बलिया में जन विश्वास यात्रा का शुभारंभ करेंगे। इसके लिए UP में छह अलग-अलग जगहों से यात्राएं शुरू करने की योजना है। इनके उद्घाटन में राष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति भी रहेगी। इनमें बिजनौर, मथुरा, झांसी, आंबेडकर नगर व बलिया से 19 दिसंबर को यात्राएं प्रारंभ होंगी और गाजीपुर से 20 दिसंबर को यात्रा शुरू होगी। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन विश्वास यात्रा की शुरुआत करेंगे।
उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 49 विधानसभा सीटें मध्यप्रदेश की सीमा से जुड़ी हुई हैं। इन सभी सीटों पर मध्यप्रदेश के नेताओं का अच्छा प्रभाव माना जाता है। आगरा, इटावा, जालौन, झांसी, महोबा, बांदा, ललितपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों की सीमा मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और विंध्य अंचल से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में इन्हीं अंचलों से आने वाले BJP कार्यकर्ताओं को UP विधानसभा चुनाव में जिम्मेदारी सौंपने की तैयारियां चल रही है, क्योंकि राजनीति के साथ क्षेत्रीय नजरिए से भी इस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को UP का अच्छा अनुभव है।
जानकारी के अनुसार बात दे पार्टी सूत्रों ने बताया कि UP चुनाव को लेकर BJP को ग्वालियर, चंबल और बुंदेलखंड के बड़े नेताओं पर ज्यादा भरोसा है। यही कारण है कि सिंधिया को BJP ने UP के लिए चुना है। 2017 के UP चुनाव में सिंधिया ने प्रियंका गांधी के साथ मिलकर प्रचार किया किया था। BJP उनके अनुभव का लाभ लेना चाहती है। सिंधिया के साथ ग्वालियर-चंबल के समर्थक नेताओं को UP भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रचार के तौर तरीकों का भी पार्टी UP चुनाव में इस्तेमाल करेगी। जातिगत समीकरणों को साधने के लिए केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के चेहरे का भी इस्तेमाल होगा।