Saturday, April 19, 2025

इस हनुमान मंदिर के पुजारी औरतों और लड़कियों को छूते ही हो जाते हैं बेहोश

भोपाल।भोपाल में बैरसिया के हनुमान मंदिर के पुजारी के मन में ऐसा ब्रह्मचर्य बैठ गया कि, औरतों-लड़कियों के छूते ही वे बेहोश हो जाते हैं। मंदिर के भक्तों का कहना है कि बाबा दिन-रात हनुमान जी की पूजा और भक्ति में लीन रहते हैं और बीते 6 महीने से पुजारी बाबा के व्यवहार में इस तरह का बदलाव आया है। भक्तगण उन्हें भोपाल के जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक के पास पहुंचे, जहां उन्होंने पुजारी की काउंसिलिंग कर इलाज शुरू किया है।

 

 

जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ.आरके बैरागी ने बताया कि ये सामान्य स्थिति नहीं है। मनोचिकित्सा की भाषा में इसे कन्वर्जन डिसॉर्डर कहते हैं। इसमें रोगी को यह लगता है कि उसके भीतर कोई शक्ति है, लोग उसकी तरफ ध्यान दें। इसलिए कई बार मानसिक स्थितियों के कारण लोग अजीबो-गरीब व्यवहार करने लगते हैं। यदि कोई यह दावा करे कि उसे कोई देवी-देवता आते हैं या कोई भूत प्रेत होने की बात कहता है तो ऐसे लोगों को मनोचिकित्सक को दिखाना चाहिए। डॉ.बैरागी कहते हैं कि कई बार ऐसा देखा गया है कि लोगों की कुछ इच्छाएं पूरी नहीं हो पातीं, ऐसे में वह भक्ति और दूसरे धार्मिक अनुष्ठान करने लगता है। एक ऐसी स्थिति भी आती है जब उसे लगने लगता है कि उसके भीतर कोई शक्ति आ गई है। वह लोगों का ध्यान खींचने के लिए कई बार ऐसी हरकतें करने लगता है।

 

 

डॉक्टर बैरागी ने बताया, यदि कोई व्यक्ति सामान्य से ज्यादा कोई भी काम करने लगे तो उसे नजरअंदाज न करें। आमतौर पर 10-15 मिनट से ज्यादा पूजापाठ करना, मंदिर में घंटों समय गुजारना, ज्यादा साफ-सफाई करना, अकेले बैठे- बैठे खुद से बातें करना… जब भी कोई ऐसा करता दिखे तो उसे सामान्य स्थिति न मानें। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। मनोरोगों से ग्रस्त ऐसे मरीज दो-तीन महीने में ठीक हो सकते हैं। ऐसे मरीजों की काउंसिलिंग की जाती है। इन्हें साइकोथैरेपी और दवाएं देकर इस स्थिति से बाहर लाया जा सकता है। अक्सर लोग ऐसी स्थिति में मनोचिकित्सक को दिखाने से बचते हैं। लोगों को लगता है कि मनोचिकित्सक को दिखाने पर लोग मरीज को पागल घोषित न करने लगें।

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