भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर पांच मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। साथ ही मानसून द्रोणिका भी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। इस वजह से राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में मानसून सक्रिय बना हुआ है। इस वजह से रुक-रुककर बौछारें पड़ रही हैं। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सागर में 142, सिवनी में 81.4, नर्मदापुरम में 54, सीधी में 51.6, इंदौर में 38.6, रीवा में 34.2, खंडवा में 33, नरसिंहपुर में 23, रायसेन में 16, पचमढ़ी में 14.2, टीकमगढ़ में 14, सतना में 9.9, भोपाल में 9.1,खजुराहो में 8.4, गुना में 6.2, धार में 5.8, मलाजखंड में 2.7, मंडला में 2.3, उज्जैन में 1.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। सागर में भारी बारिश के चलते शनिवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला अभी बना रहेगा। 17 जुलाई से झमाझम वर्षा का दौर भी शुरू होने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका बीकानेर, अजमेर, ग्वालियर, सीधी, छत्तीसगढ़ से होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक बनी हुई है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी मिल रही है। दक्षिणी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। हरियाणा के अलावा दक्षिणी गुजरात में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात मौजूद है। पाकिस्तान के मध्य में भी एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इन मौसम प्रणालियां की सक्रियता से भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही रुक-रुककर बौछारें पड़ सकती हैं। शनिवार को भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि रविवार को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। इस चक्रवात के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने के संकेत मिले हैं। साथ ही मानसून द्रोणिका के भी नीचे आने की संभावना है। इस वजह से सोमवार से पूरे प्रदेश में मानसून की गतिविधयों में तेजी आने लगेगी। विशेषकर भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन संभाग के जिलों में झमाझम वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।