28.5 C
Bhopal
Thursday, September 19, 2024

रक्षक ही हैं भक्षक! 151 सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के केस, रिपोर्ट में खुलासा

Must read

 

 

नई दिल्ली। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर देशभर में गहरी चिंता के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में कुल 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इन मामलों में बलात्कार से लेकर अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।

रिपोर्ट के प्रमुख तथ्य:

  1. जनप्रतिनिधियों पर दर्ज मामलों की संख्या: रिपोर्ट के अनुसार, कुल 151 जनप्रतिनिधियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें से 16 मौजूदा सांसद और 135 विधायक शामिल हैं। इन मामलों में बलात्कार (आईपीसी धारा 376) से संबंधित 16 मामलों में 2 सांसद और 14 विधायक शामिल हैं।
  2. राज्यों का विवरण:
    • पश्चिम बंगाल: इस राज्य में सबसे अधिक 25 सांसद और विधायक महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों का सामना कर रहे हैं।
    • आंध्र प्रदेश: 21 जनप्रतिनिधियों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं।
    • ओडिशा: 17 जनप्रतिनिधि इस सूची में शामिल हैं।
    • हिमाचल प्रदेश: यहां के चिंतपूर्णी सीट से कांग्रेस विधायक सुदर्शन बबलू पर भी महिला अपराध से जुड़ा एक मामला दर्ज है।
  3. पार्टीवार विवरण:
    • भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा): कुल 54 सांसदों और विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। इसमें से 3 विधायक और 2 सांसद बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
    • कांग्रेस: 23 सांसदों और विधायकों पर ऐसे आरोप हैं, जिसमें 5 विधायक बलात्कार के मामलों में शामिल हैं।
    • तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और अन्य: इनमें से एक-एक विधायक पर महिला अपराध से संबंधित मामले दर्ज हैं।
  4. अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:
    • मणिपुर, दादर नगर हवेली, दमन और दीव: एक-एक जनप्रतिनिधि पर महिला अपराध के मामले हैं।
    • गोवा, असम: दो-दो जनप्रतिनिधि इस सूची में शामिल हैं।
    • पंजाब, झारखंड: तीन-तीन जनप्रतिनिधि इस श्रेणी में आते हैं।
    • यूपी, गुजरात, तमिलनाडु: चार-चार जनप्रतिनिधि इस रिपोर्ट में शामिल हैं।
    • मध्य प्रदेश, तेलंगाना, केरल: पांच-पांच जनप्रतिनिधि इस सूची में शामिल हैं।
    • राजस्थान: छह जनप्रतिनिधि।
    • कर्नाटक: सात जनप्रतिनिधि।
    • बिहार: नौ जनप्रतिनिधि।
    • महाराष्ट्र, दिल्ली: 13-13 जनप्रतिनिधि।
    • ओडिशा: 17 जनप्रतिनिधि।
    • आंध्र प्रदेश: 21 जनप्रतिनिधि।
    • पश्चिम बंगाल: सबसे अधिक 25 जनप्रतिनिधि।

ADR की सिफारिशें:

  1. चुनावी सुधार: रिपोर्ट में राजनीतिक दलों से सलाह दी गई है कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट न दें, खासकर जिन पर बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों के आरोप हैं।
  2. त्वरित सुनवाई और जांच: एडीआर ने सांसदों और विधायकों पर चल रहे आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई और कड़ी जांच की सिफारिश की है।
  3. मतदाताओं की अपील: रिपोर्ट में मतदाताओं से अपील की गई है कि वे ऐसे आरोपों वाले उम्मीदवारों को वोट न दें, ताकि लोकतंत्र की शुचिता और पारदर्शिता बनाए रखी जा सके।

यह रिपोर्ट भारतीय राजनीति में आपराधिक तत्वों के प्रभाव को उजागर करती है और लोकतंत्र के लिए आवश्यक सुधारों की ओर इशारा करती है। देश की जनता और राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार और अपराध से मुक्त हों, ताकि समाज में विश्वास और सुरक्षा बनी रहे। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद महिला सुरक्षा को लेकर कानूनों को सख्त बनाने की मांग तेज हो गई है। देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए इस रिपोर्ट ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हमारे रक्षक ही भक्षक बन गए हैं।

 

 

 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!