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Saturday, November 2, 2024

संघ प्रमुख ने वीरांगना की समाधि पर अर्पित की श्रद्धांजलि

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ग्वालियर। संघ प्रमुख मोहन भागवत शनिवार की सुबह वीरांगना के बलिदान स्थल पर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए पहुंचे। संघ प्रमुख ने यहां रानी लक्ष्मी के समाधिस्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया। संघ प्रमुख ने वीरांगना स्थल पर प्रज्वलित पवित्र ज्योति की परिक्रमा भी की। इसके सा ही उन्होंने समाधिस्थल का अवलोकन भी किया।

आगवानी की- संघ प्रमुख के विरांगना स्थल पर क्षेत्र के कार्यकारिणी सदस्य यशवंत इंदापुरकर ने आगवानी की। ग्वालियर विभाग संघचालक प्रहलाद सबनानी ने बताया कि संघ की परंपरा हैं। संघ प्रमुख जिस नगर में प्रवास करते हैं, वहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने के लिए जाते हैं। संघ प्रमुख वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आये थे।

यहां बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचार परिवार के 31 अनुषांगिक संगठनों के 554 पूर्णकालिक प्रचारकों को प्रशिक्षण वर्ग 31 अक्टूबर दीपावली के दिन से आरंभ हो गया। शिवपुरी लिंक रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर केदारपुरधाम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत ने भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर वर्ग का शुभारंभ किया। इस मौके पर सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारी मौजूद थे।

संघ अपने शताब्दी वर्ष (1925-2025) में कार्य विस्तार, समाज व व्यक्ति सुधार के लिए पंच परिवर्तन पर कार्य करेगा। पिछले सप्ताह मथुरा में हुई दो दिवसीय कार्यकारी मंडल की बैठक में इस पर विस्तार से मंथन हुआ। विचार परिवार के संगठन भी इस कार्ययोजना पर कार्य करें, इसी दृष्टि से इस प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया है। चार नवंबर तक चलने वाले इस वर्ग में प्रति दिन सात सत्र होंगे। इन सत्रों में अनुषांगिक संगठन अपने कार्य वृत्त के साथ उनके द्वारा किए गए नवाचारों को साझा करेंगे। वर्ग में चार दिन के कार्यक्रम के तीसरे दिन दो नवंबर को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आना भी प्रस्तावित है।

शताब्दी वर्ष में संघ कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी जीवन शैली, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्य, इन पंच परिवर्तन पर काम करेगा। अनुषांगिक संगठनों को पंच परिवर्तन को समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया जाएगा। पंच परिवर्तन में कुटुंब प्रबोधन से आशय, संयुक्त परिवारों को बचाने से हैं। समाज में पर्यावरण रक्षा के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को सचेत करना, सामाजिक समरसता के लिए भी गंभीरता से काम करना है। स्वदेशी के प्रति भी लोगों को जागरूक करना और लोगों को नागरिक कर्त्तव्यबोध जागृत करना, इस पर संघ काम करेगा।

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