दमोह। दमोह के गंगा जमना स्कूल में हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाने के मामले में स्कूल प्रबंधन डैमेज कंट्रोल मोड में है। उसने स्कार्फ को यूनीफॉर्म से हटा दिया है। साथ ही लब पे दुआ बनकर गीत का गायन भी बंद कर दिया है। अब सिर्फ जन गण मन ही गाया जाएगा। स्कूल प्रबंधन ने इस मसले पर खेद जताया है। हिजाब मामला सुर्खियों में आने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर से मामले की जांच कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही सख्त कार्रवाई करने को कहा था।
गंगा जमना स्कूल के प्रबंधक मोहम्मद इदरीस ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि संस्था के बच्चों का हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम उत्कृष्ट रहा है। बच्चों को बधाई देने के लिए एक फ्लेक्स लगाया गया था। इस पर कुछ संगठनों ने आपत्ति दर्ज की है। स्कूल यूनीफार्म से यदि किसी भावनाएं आहत हुई है तो इसका उन्हें खेद है। अब स्कूल में जन गण मन ही गाया जाएगा। संस्था की छात्राओं के लिए स्कूल यूनीफार्म में स्कार्फ स्वैच्छिक रखा गया था। आपत्ति आने पर वह स्कार्फ भी हटाया जाता है। छात्राएं इसके स्थान पर दुपट्टा पहन सकती हैं। जांच समिति के साथ सहयोग करेंगे। जो भी निर्देश देगी, पालन करेंगे। एसपी ऑफिस में बैठक के लिए पहुंचे कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश मिलने के बाद जांच समिति बनाई गई है। वह समिति जांच कर रही है। स्कूल प्रबंधन ने शुक्रवार सुबह जानकारी दी है कि उन्होंने स्कार्फ हटा दिया है। गीत की जगह जन गण मन ही गाया जाएगा। स्कूल 2012 से संचालित है। तभी से स्कार्फ लागू है।
गंगा जमना स्कूल ने हाईस्कूल परीक्षा परिणाम को लेकर फ्लेक्स लगाया था। इसमें सफल छात्र-छात्राओं की तस्वीरें थी। छात्राओं ने स्कार्फ लगाया था, लेकिन क्लोजअप में वह हिजाब जैसा लग रहा है। इस पर कुछ परिजनों ने आपत्ति दर्ज कराई थी। हिंदू संगठन भी सक्रिय हुए और आरोप लगाया कि हिंदू छात्राओं को हिजाब पहनाया गया। प्रदर्शन कर कलेक्टर को कार्रवाई के लिए ज्ञापन भी सौंपा था। इससे पहले कलेक्टर ने जांच कराई तो पता चला कि वह स्कार्फ है, जिसे पहनना छात्राओं के लिए स्वैच्छिक है। स्कूल प्रबंधन का भी कहना है कि उसने कभी भी स्कार्फ को अनिवार्य नहीं किया है। यह मामला बढ़ा तो गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने दोबारा जांच कर कार्रवाई करने को कहा
है।