जबलपुर। जबलपुर में बेटे-बहू ने 80 साल के पिता को उन्हीं के घर से निकाल दिया। जब यह मामला सिहोरा एसडीएमआशीष पांडे के सामने पहुंचा तो उन्होंने दोनों को समझाया। एसडीएम बाप-बेटे के रिश्तों को बचपन की ओर ले गए। बेटे से बोले- तुम्हें याद है, जब तुम छोटे रहे होगे तो पापा कैसे तुम्हें संभालते थे। बुजुर्ग भी बच्चे जैसे ही हो जाते हैं
पिता से कहा- जैसे आप बेटे को उसके बचपन में संभालते थे, दुलारते थे, उसकी छोटी-छोटी गलतियों को माफ कर देते थे, वैसे ही बड़े होने का फर्ज निभाइए। बेटे की भूल को माफ कर दीजिए। एसडीएम की बात सुन दोनों के आंसू निकल आए। जब पिता-पुत्र की आंखें नम हो गईं, तो एसडीएम ने कोर्ट में बाल्टी में पानी मंगवाया। बेटे ने कोर्ट में ही पिता के पैर पखारे (पैर धोए)। कान पकड़ कर बोला- अब कोई गलती करूं तो दो थप्पड़ लगा देना, मगर अब हम साथ रहेंगे। पापा आपका अच्छे से ख्याल रखूंगा
हृदयनगर के रहने वाले आनंद गिरी ने शिकायत की थी कि उनका बेटा तामेश्वर गिरी और बहू सुलोचना उन्हें प्रताड़ित करते हैं। राज्य शासन द्वारा आवंटित 750 वर्गफीट के प्लॉट पर बने मकान पर बेटे-बहू ने कब्जा कर लिया है। बेटा जान लेने की कोशिश करता है। सेवा करने की बजाए मारपीट कर घर से निकाल दिया। एक बार बेटे ने गला दबाकर जान से मारने की कोशिश भी की। मकान हड़पने के लिए बेटा-बहू कभी भी उनकी जान ले सकते हैं। इस उम्र में वह कहां जाएं। वृद्धाश्रम में भी नहीं रहना चाहते।
एसडीएम ने पिता-पुत्र को पेशी पर बुलाया। एक साथ दोनों के पहले आरोप-प्रत्यारोप सुने। बेटे के पश्चाताप पर पिता ने उसके खिलाफ दिया आवेदन वापस ले लिया। दोनों खुशी-खुशी कोर्ट से घर को रवाना हुए।