ग्वालियर। एयरपोर्ट पर बोइंग विमान की पार्किंग के लिए एप्रन वैल्यू कम होने पर दोहरी पट्टी बनाई जाएगी। जमीन मजबूत न होने के कारण ऐसा किया जाएगा। एयरपोर्ट पर बोइंग विमान उतारने के मकसद से दिल्ली से टीम आई हुई थी, जो मंगलवार को रवाना हो गई। वहीं एयरपोर्ट और एयरफोर्स की दीवार को तोड़ने का प्लान भी है, जो कि पहले भी बनाया गया था। दीवार हटने के बाद यहां बोइंग विमान आसानी से पार्क किया जा सकेगा। इस दीवार को तोड़ने की परमिशन भी अधिकारिक तौर पर मिलना बाकी है।
वहीं नए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर ग्वालियर आई टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अभी तक के आकलन में यही बताया गया है कि नए टर्मिनल को बनाने पर ज्यादा फोकस है, क्योंकि नए एयरपोर्ट में ज्यादा समय लगेगा। यूनेस्को धरातल की टीम हेरिटेज अर्बन लैंडस्केप योजना के अंतर्गत शहर का सर्वे कार्य कर रही है। टीम ने दूसरे दिन मंगलवार को लश्कर, मुरार, पुरानी छावनी, ग्वालियर किला और उसके आस-पास की साइट्स को देखा।
इसके साथ ही टीम ने लश्कर का स्ट्रीट फूड भी खाया। धरातल के फाउंडर आर्किटेक्ट निशांत उपाध्याय ने बताया कि अभी टीम सिर्फ शहर को देखकर परख रही है। शहर को यूनेस्को की सूची में शामिल होने के लिए कई परीक्षाओं से होकर गुजरना होगा। क्याेंकि अभी दो से चार माह तक डाटा कलेक्शन की प्रक्रिया ही चलाई जाएगी। जिसके बाद ही यूनेस्को कुछ भी डिक्लेयर करेगा। शहर को ठीक से देखा और समझा जा रहा है। इसके साथ ही शहर के विकास कार्य को भी देखा और परखा जा रहा है। मध्यप्रदेश टूरिज्म ने यूनेस्को दिल्ली को प्रोजक्ट फंड किया है।