Thursday, April 17, 2025

यहां स्थित है रावण की कुलदेवी का मंदिर, नवरात्र में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़

छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित उमरेठ गांव, जहां रावण की कुलदेवी मां निकुंबला देवी का प्राचीन मंदिर है, नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ का केंद्र बन गया है। जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर, न केवल ऐतिहासिक महत्व का है, बल्कि आदिवासी समाज की गहरी आस्था का केंद्र भी है।

मंदिर का इतिहास और महत्व:
मां निकुंबला देवी को रावण की कुलदेवी और उनके पुत्र मेघनाथ की इष्ट देवी के रूप में पूजा जाता है। प्राचीन काल से ही यह प्रतिमा इस स्थान पर विराजमान थी, लेकिन वर्षों तक लोग इस देवी के नाम और महत्व से अनभिज्ञ थे। तीन दशक पहले गांववासियों ने जब मंदिर निर्माण का संकल्प लिया, तब वे ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के पास पहुंचे। शंकराचार्य ने मूर्ति का निरीक्षण किया और बताया कि यह प्रतिमा रावण की कुलदेवी निकुंबला देवी की है।

मूर्ति की खासियत यह है कि इसमें देवी मां आशीर्वाद देने की मुद्रा में नहीं, बल्कि दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना की मुद्रा में हैं। इसके बगल में तलवार भी रखी हुई है, जो इसे एक विशेष पहचान देती है। मूर्ति लगभग ढाई से तीन फीट ऊंची है और इसे देखने से इसकी प्राचीनता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

नवरात्र के दौरान विशेष आकर्षण:
नवरात्रि के दौरान मां निकुंबला देवी के मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। बड़ी संख्या में भक्त यहां देवी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उमरेठ का यह मंदिर आदिवासी समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोगों की भी आस्था का केंद्र है। न केवल नवरात्र, बल्कि होली के अवसर पर भी यहां मेघनाथ पूजा का आयोजन होता है, जिसमें आसपास के दर्जनों गांवों के लोग मन्नत पूरी होने पर आते हैं। इस स्थान के साथ जुड़ा खंडेरा बाबा का मंदिर भी इसी आस्था का प्रतीक है।

छिंदवाड़ा जिले का यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे की ऐतिहासिक कहानियां इसे और भी खास बनाती हैं। नवरात्रि के समय यहां की भव्यता और भक्तों की श्रद्धा देखने लायक होती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!