भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले दो दिनों मौसम खुला रहेगा। मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटे के लिए कहीं भी तेज वर्षा के लिए अलर्ट जारी नहीं किया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जून से लेकर अभी तक प्रदेश के अधिकतर जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है।
पूरे प्रदेश में दीर्घावधि औसत से 13 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसमें पूर्वी मध्य प्रदेश में 19 प्रतिशत और पश्चिम मध्यप्रदेश औसत से सात प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
प्रदेश में किसी प्रभावी मौसम प्रणाली के सक्रिय नहीं रहने से अब वर्षा की गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने लगेगी। कुछ बादल छंटने से बीच-बीच में धूप भी निकलेगी। इस बीच कुछ जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली के आगे बढ़ने पर पांच-छह जुलाई से एक बार फिर प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। धार 13, इंदौर 5.2, मंडला 4.0, बालाघाट 2, पचमढ़ी 0.4 और जबलपुर में 0.2 एमएम वर्षा हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात कमजोर पड़कर उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ चला गया है। इस चक्रवात से लेकर मणिपुर तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है।
इसके अतिरिक्त मप्र के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई अन्य मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि वातावरण में काफी नमी रहने के कारण पूर्वी मप्र के सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में सोमवार को गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। शेष जिलों में भी कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। बीच-बीच में धूप भी खिलेगी। पांच जुलाई के बाद एक बार फिर वर्षा का दौर तेजी से शुरू हो सकता है।