भोपाल। भारत ने 1952 में विलुप्त घोषित किए जा चुके चीतों को देश में लाने के लिए नामीबिया के साथ बुधवार को एक एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगस्त में नामीबिया से आठ चीतों को भारत लाया जाएगा, जिसमें चार नर और चार मादा चीते होंगे। दक्षिण अफ्रीका के साथ भी बातचीत चल रही है। मंजूरी मिलते ही उसके साथ भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
बीते दिनों साउथ अफ्रीका से एक टीम मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को रखने के लिए बनाए गए बाड़े का निरीक्षण करने पहुंची थी। दक्षिण अफ्रीका से आने वाले चीते के 15 अगस्त तक भारत लाने की संभावना जताई जा रही है। पहले छह महीनों में चीजों को निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान कूनो नेशनल पार्क में पर्यटकों चीते देखने नहीं मिलेंगे।
दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जीव चीतों को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में रखा जाएगा। चीते भारत से पूरी तरह विलुप्त हो चुके हैं। आखिरी बार 1948 में छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के साल वनों में एक मृत चीता पाया गया था। दुनिया में चीतों की सबसे अधिक आबादी नामीबिया में है।