रीवा। रीवा सम्भाग के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी स्मृति अस्पताल रीवा में मरीज इलाज़ ख़ातिर आस पास के कई जिलों से आते हैं। इलाज के दौरान कई दफ़ा रक्त की आवश्यकता होने पर मरीज के परिजन स्वयं रक्तदान करतें हैं या ब्लड बैंक व समाजिक संस्थाओं से सहयोग लेते हैं। चिकित्सकों की मानें तो थैलेसीमिया,गहन सर्जरी या दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को ब्लड बैंक में मौजूद रक्त वरदान साबित होता है।
ब्लड बैंक का रक्त संतुलन बना रहे यह नैतिक व समाजिक ज़िम्मेदारी हैं ऐसा मानना है प्रयास रक्तदान सेवा संगठन के रक्तदाता आशीष त्रिपाठी का। रक्तदाता आशीष ने बताया कि वर्ष 2014 से रक्तदान कर रहे हैं परन्तु कभी भी शरीरिक कमजोरी महसूस नही हुई बल्कि रक्तदान से एक सुखद अनुभूति होती है। रक्तदान एक सुरक्षित व वैज्ञानिक पद्धति है।
समाज के सभी स्वस्थ्य व्यक्तियों को 90 से 120 दिन के अंतराल में रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से ब्लड बैंक का संतुलन बना रहता है जिससे आकस्मिक स्थिति में रक्त मिलने से मरीजों की जीवन रक्षा होती है। रक्तदान के अवसर पर ब्लड बैंक प्रभारी डाॅ लोकेश त्रिपाठी व डाॅ सुशील कुमार सहित लैब टेक्नीशियन शीतल ठाकुर,दीपक पाण्डेय व जितेन्द्र कुशवाहा द्वारा रक्तदाता आशीष त्रिपाठी को सम्मानित कर हौसला बढाया गया।
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