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Wednesday, November 13, 2024

जिन राशियों पर चल रही है साढ़े साती, ढैया, करें ये उपाय

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राशि। वैदिक ज्‍योतिष में शनि का बहुत महत्‍व माना गया है। यह मान्‍यता है कि हर मनुष्‍य के जीवन में शनि की साढ़े साती अवश्‍य आती है। यह भी तीन बार आती है। शनि वैसे भी कर्म प्रधान या न्‍याय के देवता हैं जो जातक को कर्म के अनुसार फल देते हैं, इसलिए उन्‍हें सभी ग्रहों का न्‍यायाधीश भी कहा जाता है। यदि आपकी कुंडली में शनि उच्‍च का है तो वह आपको अप्रत्‍याशित लाभ दे सकता है। लेकिन यदि शनि की स्थिति खराब है तो आपको जीवन भर कष्‍टों का सामना करना पड़ेगा। आइये जानते हैं कि शनिदेव को प्रसन्‍न करने एवं उनका प्रकोप कम करने के लिए क्‍या धार्मिक उपाय अपनाए जा सकते हैं।

 

जीवन में तरक्की पाने के लिए शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ होगा। इससे आपको तरह के कष्ट से भी छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही शनि भगवान प्रसन्न होंगे। शनिवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से भी शनिदेव की कृपा बनी रहती है। क्योंकि भगवान शिव शनिदेव के गुरु है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने के साथ शिव चालीसा का पाठ करें। शनिवार के दिन सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान आदि करके काले रंग के कपड़े पहन लें। इसके बाद शनि यंत्र की विधि-विधान से पूजा करें। इससे शनिदेव की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और धन संबंधी लाभ मिलेगा।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार का दिन शनिदेव का माना जाता है। इस दिन जातक अपनी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए शनिदेव का व्रत रख सकता है। इसके अलावा शनि देव की कृपा पाने के लिए और जीवन के हर कष्ट को दूर करने के लिए शनिवार के दिन ये उपाय करना काफी शुभ होगा।

 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। वह जातक को अच्छे और बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहा जाता है कि अगर कुंडली में शनि की स्थिति सही है तो जातक को राजसुख अवश्य मिलेगा। वहीं अगर शनि अच्छा नहीं है तो कुंडली में शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती, शनिदोष, महादशा और अंतर्दशा जैसी समस्याएं हो जाती है। इस अवस्था में व्यक्ति को हर एक चीज में कष्ट होता है। बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं और एक परेशानी खत्म नहीं होती है कि दूसरी परेशानी आ जाती है।

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