नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर कांग्रेस वकिंग कमेटी और संगठन के प्रमुख पदों पर चनाव करवाने पर जोर दिया है। आजाद ने गुरुवार को कहा चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किये जाने वाले अध्यक्ष को 1 भी लोगों का समर्थन नहीं हो। वफादार होने का दावा करने वाले ओछी राजनीति कर रहे- आजाद ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा अपने पद खोने का डर है। जो वफादार होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में औछी राजनीति कर रहे है |
इससे पार्टी और देश को नुकसान होगा। आंतरिक चुनाव में 51 प्रतिशत वोट मिलने वाले की जीत होती है। इसका मतलब ये हुआ कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ 51 प्रतिशत लोग होते हैं। अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य चुनाव से तय होंगे, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस बात में परेशानी क्या है|
इस बात से परेशानी नहीं कि राहुल गांधी अगले अध्यक्ष बनते हैं या किसी और को जिम्मेदारी मिलेगी। अगर सोनिया गाधी मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्तावित समिति में मुझे सदस्य बनाती हैं, तो खुशी होगी। नए काग्रेस अध्यक्ष का 6 महीने इंतज़ार कर सकता हूँ। यूपी की लखीमपुर जिला काग्रेस कमेटी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के खिलाफ 5 प्रस्ताव पारित किए हैं।इनमें एक में पूर्व केद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को पार्टी से निकालने की मांग की गई है। इसके विरोध में पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्धल ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूपी में काग्रेस जितिन प्रसाद को आधिकारिक तौर पर निशाना बना रही है ।