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Friday, January 31, 2025

डायबिटीज और डिप्रेशन का गहरा नाता, जानें कारण और बचाव

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इंदौर। डायबिटीज तब होती है जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज आंख, हार्ट और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन होने की संभावना नॉन-डायबिटिक लोगों की तुलना में 2 से 3 गुना अधिक होती है

हालांकि, इस स्थिति में भी केवल 25 से 50 प्रतिशत डायबिटीज से जूझ रहे लोगों का ही सही समय पर निदान और उपचार हो पाता है। सही इलाज, दवाइयां और थेरेपी से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन समय पर ध्यान न देने से स्थिति गंभीर हो सकती है।

डायबिटीज और मेंटल हेल्थ का गहरा संबंध
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के एक सर्वे के मुताबिक, डायबिटीज से पीड़ित 77% लोग किसी न किसी रूप में एंग्जायटी, डिप्रेशन या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव ब्लड ग्लूकोज लेवल पर भी पड़ता है, इसलिए डायबिटीज मैनेजमेंट में मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन के लक्षणों को भी शामिल करना जरूरी है।

आज हर 4 में से 3 डायबिटिक मरीज डिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानी से जूझ रहा है, जिसे डायबिटीज डिस्ट्रेस भी कहा जाता है।

कैसे डायबिटीज मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
– लगातार टेस्ट और चेक-अप से मानसिक थकान
– रोजाना डायबिटीज मैनेजमेंट की जरूरत से पैदा होने वाला तनाव
– दूसरों को बिना पाबंदियों के खाते देखकर हताशा महसूस होना
– पहले पसंदीदा भोजन से दूरी होने की निराशा
– अनहेल्दी खाने के बाद गिल्ट और ओवरथिंकिंग
– फ्रस्ट्रेशन के कारण डायबिटीज केयर में लापरवाही
– नियमित दवाइयों का सेवन न करना और अतिरिक्त देखभाल से बचना
– लाइफस्टाइल में डाइटरी बदलाव अपनाने में परेशानी
– नींद न आना और अन्य मानसिक दबाव

डायबिटीज डिस्ट्रेस और डिप्रेशन को कैसे मैनेज करें
– ऐसे ग्रुप्स या कम्युनिटी से जुड़ें जो डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद करते हैं, ताकि आपको महसूस हो कि आप इस जंग में अकेले नहीं हैं।
– मेडिटेशन और नियमित एक्सरसाइज से मानसिक राहत मिलेगी।
– जरूरत से ज्यादा उदासी, चिड़चिड़ापन, गिल्ट या गुस्सा आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
– जितनी जल्दी सही कदम उठाएंगे, उतनी जल्दी डायबिटीज से जुड़ी मानसिक समस्याओं का समाधान मिल सकेगा।

डायबिटीज सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है, इसलिए सही देखभाल और जागरूकता से इसे बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।

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